मध्य प्रदेश। पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं ने मध्यप्रदेश को ठिठुरा दिया है। भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर चल रही है। सबसे ज्यादा ठंड मालवा-निमाड़ अंचल में दर्ज की जा रही है। मंदसौर में न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जो इस सीजन का सबसे कम आंकड़ा है। बीती रात प्रदेश के करीब 30 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा जबकि कई जिलों में घना कोहरा भी छाया रहा।
मौसम विभाग ने रविवार को भोपाल, इंदौर, शाजापुर, सीहोर और राजगढ़ में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे रहने की संभावना है यानी दिन में भी ठंड का अहसास बना रहेगा। लोगों को सुबह-शाम ही नहीं बल्कि दिन में भी गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
प्रदेश में इस समय सर्दी का सबसे ज्यादा असर मालवा और निमाड़ क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। इंदौर और उज्जैन संभाग के कुल 15 जिले इस ठंड की चपेट में हैं। मंदसौर के बाद शाजापुर दूसरा सबसे ठंडा शहर रहा। यहां पारा 3.1 डिग्री दर्ज किया गया है। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 4.6 डिग्री, इंदौर में 6.2, ग्वालियर में 6.7, उज्जैन में 7.3 और जबलपुर में 7.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ।
कोहरे का असर उत्तर और पूर्वी हिस्सों में ज्यादा देखा गया। शनिवार को ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में घना कोहरा छाया रहा। इसके चलते दिल्ली से मध्यप्रदेश आने वाली कई ट्रेनें देरी से पहुंचीं। वहीं, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, सिवनी, शहडोल और अनूपपुर में सर्द हवाओं ने ठंड को और बढ़ा दिया।
मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार की रात शहडोल के कल्याणपुर में 3.2 डिग्री, राजगढ़ में 3.8, नौगांव में 4.6, उमरिया में 4.7, पचमढ़ी में 4.8, खजुराहो में 5, मलाजखंड में 5.6 और रीवा में 5.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। रायसेन, शिवपुरी, दमोह, मंडला, दतिया, सतना, गुना, श्योपुर, धार, रतलाम समेत लगभग 30 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। 16 से ज्यादा जिलों में कोहरे का असर दर्ज किया गया।
आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने के संकेत हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 30 दिसंबर को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा जिसका असर मध्यप्रदेश में भी दिखेगा। इसके साथ ही उत्तर से आने वाली सर्द हवाएं ठंड का मिजाज और तीखा कर सकती हैं।
प्रदेश में जेट स्ट्रीम का भी असर बना हुआ है। यह जमीन से करीब 12 से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा होती है। शनिवार को जेट स्ट्रीम 222 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली और रविवार को भी यही स्थिति रहने का अनुमान है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जब पहाड़ों से बर्फीली हवा उत्तर भारत के मैदानी इलाकों की ठंडी हवा और जेट स्ट्रीम एक साथ सक्रिय हो जाती हैं तो ठंड कई गुना बढ़ जाती है। इस बार यही स्थिति बन रही है।
इस साल सर्दी ने रिकॉर्ड भी तोड़े हैं। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन शीतलहर चली जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर रहा। 17 नवंबर को भोपाल में पारा 5.2 डिग्री तक गिर गया था जो अपने आप में रिकॉर्ड है। इंदौर में भी 25 साल बाद इतनी ठंडी रात दर्ज की गई जब तापमान 6.4 डिग्री तक पहुंच गया। दिसंबर में भी भोपाल और इंदौर दोनों जगह पारा 5 डिग्री से नीचे जा चुका है।
मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर और जनवरी ठंड के सबसे अहम महीने होते हैं। जैसे मानसून में जुलाई-अगस्त सबसे ज्यादा बारिश वाले महीने होते हैं। वैसे ही सर्दियों में इन दो महीनों में उत्तर भारत से सबसे ज्यादा ठंडी हवाएं आती हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने से तापमान में गिरावट आती है और कई बार मावठा भी गिरता है जिससे दिन में भी ठंड बढ़ जाती है।
इस समय ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सागर और रीवा संभाग, भोपाल संभाग के सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा, सागर संभाग के निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना, रीवा संभाग के मऊगंज, सीधी और सिंगरौली, जबलपुर संभाग के मंडला-डिंडौरी और इंदौर संभाग के इंदौर, धार व झाबुआ में ठंड का असर ज्यादा है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने, सुबह-शाम यात्रा में सावधानी बरतने और ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।