रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार में 15 दिनों से जारी प्रदर्शन शनिवार को हिंसक हो गया। जमीन और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे 14 गांव के हजारों ग्रामीण और पुलिस के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ। इस झड़प में तमनार थाना प्रभारी कमला पुसाम ठाकुर समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। गुस्साएं लोगों ने पुलिस की तीन गाड़ियों में आग भी लगा दी।

इस विवाद की शुरुआत तब शुरू हुई, जब तमनार इलाके में नई कोयला खदानों के लिए भूमि आवंटन को लेकर प्रशासन जनसुनवाई की प्रक्रिया कर रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि अभी भूमि का पूर्ण रूप से अधिग्रहण नहीं हुआ है। इसके बावजूद प्रशासन और कंपनियां दबाव बना रही हैं। कुछ दिनों पहले हुई जनसुनवाई का भी ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया था।

बताया जा रहा है कि ग्रामीण शांति से धरना दे दे रहे थे, लेकिन पुलिस जब उनको हटाने पहुंची तो ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। इसके बाद भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव करना शुरू कर दिया। हालात इतने खराब हो गए आगजनी और पत्थरबाजी से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। इस हिंसक झड़प में 8 पुलिस वाले और कुछ ग्रामीण भी घायल हुए हैं। प्रशासन का कहना है कि इलाके में शांति कायम करने के लिए वो ग्रामीणों के साथ बात करने को तैयार हैं।

रायगढ़ के तमनार में कोयला खदान के आबंटन के विरोध में ग्रामीण पिछले करीब 15 दिनों से धरने पर बैठे थे। शनिवार को जब पुलिस प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों का धरना हटवाने की कोशिश हुई तो माहौल हिंसक हो गया। मामले पर रायगढ़ के केलक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि तमनार में तनाव इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते ग्रामीण और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई। इसके बाद से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। इस प्रोटेस्ट में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

हालात जब हिंसक हुए तो प्रदर्शनकारी महिलाओं ने महिला पुलिस पर हमला शुरू कर दिया। इस दौरान तमनार थाना की थाना प्रभारी कमला पुषाम को महिलाओं ने घेर लिया। उनके साथ मारपीट की गई। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि हमले में थाना प्रभारी घायल हो गईं। वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं। इसके बाद कुछ महिलाओं ने उन्हें पानी पिलाया। घायल थाना प्रभारी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। जहां पर उनका इलाज जारी है। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस की टीम दोबारा ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए गई। लेकिन भीड़ उग्र थी। भीड़ ने फिर से पथराव कर दिया।