भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया से 863 रेमडेसीवीर इंजेक्शन चोरी के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। हमीदिया के सेंट्रल ड्रग स्टोर से चोरी हुआ रेमडेसीवीर दिल्ली में एक कोरोना मरीज को लगाया गया है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने नंबर सीरीज से इंजेक्शन की मिलान की तो पता चला कि यह वही इंजेक्शन जो हमीदिया से चोरी हुई। उधर इस बीच हमीदिया के इंचार्ज आईडी चौरसिया ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक हमीदिया अस्पताल के सेंट्रल स्टोर के फार्मासिस्ट का साल दिल्ली में कोरोना संक्रमित है। फार्मासिस्ट के साले को ही हमीदिया से चोरी हुए इंजेक्शन की 6 यूनिट दिल्ली में लगी है। इंजेक्शन चोरी के मामले में स्टोर के फार्मेसिस्ट पर भी पुलिस को शक है। फार्मासिस्ट का दावा है कि उसने ये 6 इंजेक्शन अस्पताल के डी ब्लॉक से इश्यू करवाया है। उधर डी ब्लॉक नर्सिंग स्टाफ ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है की उन्होंने फार्मासिस्ट को इंजेक्शन इश्यू किए हैं।

इस बीच सबसे बड़ी जानकारी जो सामने आई है वो ये है कि क्राइम ब्रांच की जांच के बीच हमीदिया के अधीक्षक आईडी शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पदमुक्त करने की मांग की है। इस्तीफे के तत्काल बाद क्राइम ब्रांच ने हमीदिया इंचार्ज शर्मा को दबोच लिया है। बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच ने शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें सख्ती से पूछताछ की जा रही है।

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पुलिस की जांच में अस्पताल में इंजेक्शन को लेकर एक और धांधली का भंडाफोड़ हुआ है। दरअसल, हमीदिया के सेंट्रल ड्रग स्टोर से 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच डी ब्लॉक को कोविड-19 सेंटर की डिमांड पर 548 इंजेक्शन भेजे गए थे। उधर कोविड-19 सेंटर के इंचार्ज का कहना है की इस दौरान उन्हें स्टोर से मात्र 458 इंजेक्शन ही मिले। पुलिस ने जब नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ की और फ़ाइल जब्त किया तब खुलासा हुआ कि रिकॉर्ड में उन्हें 850 इंजेक्शन भेजे जा चुके हैं। बहरहाल क्राइम ब्रांच मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है और पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस प्रकरण से जुड़े कई घोटाले उजागर होने वाले हैं।