भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक पत्रकार को अड़ीबाजी के झूठे प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर राजधानी के पत्रकारों में आक्रोश है। बड़ी संख्य में मीडियाकर्मी कटारा हिल्स थाने में धरने पर बैठ गए हैं। वे पत्रकार की तत्काल रिहाई और दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ कटारा हिल्स थाने में अड़ीबाजी की झूठी FIR दर्ज की गई है। कुलदीप को आधी रात को गिरफ्तार कर लिया गया। यह पूरा मामला एक बोलेरो के एक्सीडेंट से जुड़ा है। शिकायतकर्ता के शेख अकील के मुताबिक 20 मार्च की रात एक सफेद बोलेरो ने उसकी स्कूटी में टक्कर मार दी थी। इसके बाद बोलेरो सवार लोगों ने नुकसान की भरपाई के लिए पचास हजार रुपए मांगे। नहीं देने पर आरोपियों ने उसकी पिटाई की।
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फरियादी के मुताबिक एक आरोपी ने अपना नाम कुलदीप सिसोदिया बताया था। कटारा हिल्स थाने ने इस मामले में बिना जांच किए सोमवार देर रात पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को गिरफ्तार कर लिया। जबकि न तो वह वाहन उनकी थी और न ही घटना के वक्त वह उसमें सवार थे। इतना ही नहीं पुलिस ने उनकी फोन जब्त कर ली और साथियों को कॉल करने का मोहलत तक नहीं दिया। यह संभवतः पहला मामला होगा जब एक्सीडेंट की घटना में पुलिस ने ग़ैरज़मानती अड़ीबाजी जैसी गंभीर धाराएं लगा दी और पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया।
मंगलवार सुबह जब घटना की जानकारी अन्य पत्रकारों को मिली तो वह कटारा हिल्स थाने पहुंच गए। यहां उन्होंने धरना शुरू कर दिया। मामला तूल पकड़ता देख बीजेपी मीडिया विभाग के प्रमुख आशीष अग्रवाल भी पत्रकारों के साथ बैठ गए। इसके बावजूद पुलिस ने मेडिकल करा उन्हें जेल भेज दिया।सीएम मोहन यादव के समक्ष भी पत्रकारों ने यह मुद्दा उठाया लेकिन वह कुछ बोलने से बचते नजर आए।
उधर कांग्रेस ने पत्रकार की अवैध गिरफ्तारी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा, 'पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ कटारा हिल्स पुलिस द्वारा एक्सीडेंट के केस में अड़ीबाजी की झूठी FIR दर्ज करने के बाद जेल भेजना साफ बताता है कि पुलिस ने दवाब में कार्रवाई की है। मेरी डीजीपी महोदय से मांग है कि इस मामले की तुरंत जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करें।'