ग्वालियर। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को एमपी-एलएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा पुलिस ने वीडियो की जांच नहीं कराई। इसलिए कोर्ट ने वीडियो एविडेंस को संदिग्ध माना है।

दरअसल, 11 दिसंबर 2022 में पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजा पटेरिया का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वे कथित तौर पर कह रहे थे कि लोकतंत्र को बचाना है तो नरेंद्र मोदी की हत्या करने तत्पर रहो। वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ कई जिलों में एफआईआर दर्ज कराई थी। पवई थाने में भी भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज किया गया था। 

पुलिस ने उन्हें 13 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार कर किया था। इस मामले में पूर्व मंत्री 2 माह 18 दिन जेल में रहे थे। मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह परिहार ने पारित आदेश में कहा कि प्रकरण के किसी भी प्रत्यक्षदर्शी गवाह ने यह नहीं कहा कि पूर्व मंत्री ने 11 दिसम्बर 2022 को पवई स्थित विश्राम गृह में दोपहर 12 बजे के बीच प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने उस संदिग्ध वीडियो की जांच तक नहीं कराई। थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि वीडियो की इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञ से विश्वसनीयता, डबिंग और टेम्परिंग आदि की जांच नही कराई गई है। इसे आधार बनाकर आरोपी के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि एआई टूल्स का उपयोग कर फर्जी वीडियो तैयार किये जा रहे हैं। उनके तर्कों को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने वीडियो को संदिग्ध मानते हुए पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को बरी कर दिया।