भोपाल। मध्य प्रदेश में बहुप्रचारित विवाह सहायता योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस योजना में बड़े स्तर पर घोटाले का खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि फर्जी शादियां दिखा कर करोड़ों रुपए निकाल लिए गए। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो गई है।
राजधानी भोपाल, विदिशा ,छतरपुर समेत 7 जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। यह छापेमारी मध्य प्रदेश में विवाह सहायता योजना में फर्जीवाड़ा को लेकर की गई। सिंरोज के तत्कालीक जनपद पंचायत CEO शोभित त्रिपाठी और अन्य के ठिकानों पर यह सर्चिंग की गई। इस कार्रवाई के दौरान संपत्ति के कागजात, डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए। साथ ही बैंक अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स भी सीज कर दिए गए हैं।
शोभित और अन्य पर मध्य प्रदेश सरकार की विवाह सहायता योजना में 5923 संदिग्ध विवाहों के नाम पर लगभग 30.18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। दरअसल, सरकारी रिकॉर्ड में दिखाया गया कि 5923 लोगों की शादी हुई थी और उन्हें विवाह सहायता योजना के तहत राशि दिए गए, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि इनमें से ज्यादातर शादियां फर्जी थी। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि शोभित त्रिपाठी ने कई लोगों के साथ मिलकर ये खेल रचा।
दरअसल, ED ने मंगलवार को भोपाल, विदिशा, कटनी और छतरपुर जिलों के 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई। जांच शोभित त्रिपाठी के खिलाफ शुरू हुई थी, जो उस वक्त सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ थे। ईडी ने छापों में कई अहम दस्तावेज, प्रॉपर्टी पेपर्स, डिजिटल डिवाइसेज जब्त किए। साथ ही बैंक अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड्स में जमा करीब 21.7 लाख की रकम भी सीज कर दिए गए हैं।