जबलपुर/भोपाल। चिट्ठियों के जरिए शिवराज सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहने वाले बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और पत्र लिखा है। अजय विश्नोई ने जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान की बदहाल स्थिति के संबंध में सीएम को पत्र लिखा है, और उनसे तत्काल ही इस मामले में दखल देकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। 



पाटन विधायक ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय में न तो समय पर परीक्षाएं हो रही हैं, और न ही विद्यार्थियों को समय पर डिग्री हासिल हो रही हैं। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को एक वर्ष के विलंब के साथ डिग्रियां मिल रही हैं। 4 साल की डिग्री पांच साल में तो 5.5 साल की डिग्री 7 वर्षों में प्राप्त हो रही हैं। जिस वजह से छात्रों के जीवन का बहुमूल्य समय विश्वविद्यालय की लेट लतीफी की भेंट चढ़ रहा है।



विश्नोई ने सीएम को लिखा है कि वर्ष 2011 में आपने प्रदेश में आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। विश्वविद्यालय का मुख्यालय जबलपुर रखा गया था। आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय की रचना इस प्रकार की गयी थी कि यह अपना आर्थिक पोषण स्वयं कर सकें। आज आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय के पास करोड़ों रूपयें जमा है। 4 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, भोपाल म.प्र. ने 80 करोड़ रूपया विभिन्न शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को नियम विरुद्ध दे दिये। पुनः इस राशि में से और राशि निकालने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय का अपना स्वयं के भवन का निर्माण आज भी अधूरा है। भवन को पूरा करने के लिये विश्वविद्यालय अपनी ही राशि में से खर्च करने की अनुमति, शासन से माँग रहा है, जो नही मिल रही है।



अजय विश्नोई ने सीएम को विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार से अवगत कराते हुए कहा है कि आयुष के छात्रों की चार सालों की अंकसूची तथा उनके रिकॉर्ड आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से गायब हैं। लेकिन विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी इस बाबत बोलने को तैयार नहीं है। 





बीजेपी नेता ने सीएम से कहा है कि विश्वविद्यालय में व्याप्त तमाम परेशानियों का सबसे बड़ा कारण यही है कि विश्वविद्यालय में कुल स्वीकृत 275 पदों में से केवल 75 पद ही भरे गए हैं। जिसमें अधिकांश आउट सोर्स से भरे गए हैं। विश्नोई ने सीएम को बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से ही रेक्टर का पद नहीं भरा गया है। अलग अलग संकायों में विभागाध्यक्ष नहीं बनाए गए हैं।



विश्नोई ने कहा है कि रजिस्ट्रार के पद पर सात वर्षों से अनुभवी प्रोफेसर अथवा समकक्ष प्रशासनिक क्षमता वाले व्यक्ति की पदस्थापना होनी चाहिए, जो कि नहीं की गई। विश्वविद्यालय के मौजूदा रजिस्ट्रार जेके गुप्ता के विरुद्ध आयुष विभाग की लंबित जांच का हवाला देते हुए विश्नोई ने किसी योग्य व्यक्ति की पदस्थापना की मांग की है। विश्नोई ने बताया है कि विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील खरे के कंधों पर पिछले सात वर्षों से विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब सुनील खरे को भी कार्यमुक्त कर दिया गया है।



वहीं बीजेपी विधायक ने विश्वविद्यालय में गोपनीय विभाग का प्रभार संभाल रही तृप्ति गुप्ता पर भी सवाल खड़े किए हैं। विश्नोई ने कहा है कि डॉ गुप्ता मूलतः जबलपुर मेडिकल कॉलेज के बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। विश्नोई ने कहा है कि पहले भी तृप्ति गुप्ता के खिलाफ नियम विरुद्ध जाकर छात्रों का रेवाल्यूएशन करवाने और नंबर बढ़वाकर पास कराने का आरोप लग चुका है। बीजेपी विधायक ने सीएम से इन तमाम बिंदुओं पर संज्ञान लेने और खुद हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई की मांग की है।