भोपाल। मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस का कहर बदस्तूर जारी है। अकेले राजधानी भोपाल में ब्लैक फंगस से 237 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इलाज के दौरान 10 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ब्लैक फंगस के भयभीत करने वाले इस आंकड़े के इतर प्रदेश में इसके आंकड़े के साथ भी हेराफेरी किए जाने के दावे शुरू हो गए हैं।

दरअसल एक हिंदी अखबार के मुताबिक इस समय राजधानी में ब्लैक फंगस के 174 मरीज़ सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं। 129 मरीजों की सर्जरी भी हुई है। लेकिन राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश भर में ब्लैक फंगस से संक्रमित 585 मरीजों में से भोपाल में केवल ब्लैक फंगस से संक्रमित केवल 68 मरीज़ ही भर्ती हैं। भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में 78 मरीज़ भर्ती हैं। हमीदिया अस्पताल में अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित 25 मरीजों की सर्जरी हुई है। जबकि दो मरीजों की मौत भी हुई है।

लेकिन ब्लैक फंगस के आंकड़े छिपाने के कारण महामारी के रूप ले चुके इस संक्रमण को प्रदेश में महामारी घोषित नहीं किया गया है। जबकि हरियाणा में ब्लैक फंगस के 177 मरीज़ मिलने पर उसे महामारी घोषित किया जा चुका है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने इस संक्रमण से बचने के लिए अगर अब तक कोई कदम उठाया है तो वह यह कि सरकार ने एंटी फंगल इंजेक्शन के रेट तय कर दिए हैं।

सरकार ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन एंफोटेरिसिन बी की कीमत 4792 रुपए से लेकर 5788 रुपए तय की है। हालांकि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बयान का हवाला देते हुए एक हिंदी अख़बार ने ज़िक्र किया है कि सरकार कोविड और उससे ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस की पहचान करने के लिए अभियान चलाने जा रही है। यह अभियान आज से शुरू किए जाने का दावा किया जा रहा है।