उज्जैन के झारड़ा कस्बे के रहने वाले सर्वेश कुमावत ने खुद को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का वरिष्ठ अधिकारी बताकर 25 से अधिक महिलाओं को अपने झांसे में लिया और उनसे लाखों रुपए ठग लिए। पुलिस के मुताबिक, सर्वेश ने न केवल सोशल मीडिया के जरिए युवतियों से दोस्ती कर खुद को उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी बताया बल्कि कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक चैट भी की। जयपुर की विद्याधर नगर पुलिस ने सर्वेश को अजमेर रोड स्थित एक होटल में एक युवती से मुलाकात के दौरान गिरफ्तार किया, जहां वह उसे ठगने की योजना बना रहा था।
2019 में उज्जैन की महाकाल वाणिज्य कॉलोनी स्थित 'युग निर्माण सिविल सर्विस एकेडमी' में उसने यूपीएससी की तैयारी के लिए दाखिला लिया था। आर्थिक स्थिति खराब बताकर उसने कोचिंग संचालक से फीस माफी का अनुरोध किया और बाद में, अपने झूठे सिलेक्शन की बात कहकर अपना सम्मान तक करवाया। हालांकि, कोचिंग छोड़ने के बाद उसने कभी किसी परीक्षा में भाग नहीं लिया। घर पर भी वह खुद को दिल्ली में इनकम टैक्स अधिकारी होने का झांसा देकर सबको धोखे में रखता रहा। उसकी ठगी के चलते न सिर्फ कई महिलाएं आर्थिक नुकसान में आईं बल्कि उसके परिवार वाले भी वर्षों तक उसकी वास्तविकता से अनजान रहे। उसके भाई निरंजन ने बताया कि सर्वेश पिछले 5 साल में केवल दो बार ही घर आया और उसने न ही कोई आर्थिक मदद की और न ही शादी की।
सर्वेश की ठगी की पोल तब खुली जब जयपुर एनसीबी की महिला सब इंस्पेक्टर कृतिका गोयल ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेश ने खुद को एनसीबी का जोनल डायरेक्टर बताकर एक युवती से चैटिंग की थी, जो बाद में संदेहास्पद लगी। एनसीबी ने जांच की तो पता चला कि उसके दावे झूठे हैं और इस नाम का कोई अधिकारी एनसीबी में नहीं है। पुलिस ने सर्वेश के मोबाइल को ट्रेस किया और जयपुर में लोकेशन पाते ही उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
उसके मोबाइल की जांच में उज्जैन की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री और कई महिलाओं के साथ की गई आपत्तिजनक चैटिंग भी मिली। वह महिलाओं को अपने बैंक अकाउंट के ब्लॉक होने का बहाना बनाकर पैसे मांगता और राजस्व विभाग के फर्जी ऑर्डर दिखाकर खुद को अधिकारी साबित करता था। पुलिस अब उन महिलाओं से संपर्क कर रही है जिनके साथ सर्वेश ने धोखाधड़ी की थी और उनसे लाखों रुपए हड़पे थे।