भोपाल। बीते एक महीने में कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों की मौत हो चुकी है। कूनो में रखे गए 20 चीतों को लेकर चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने सनसनीखेज दावा किया है। अधिकारी के मुताबिक राजनीति के चलते कूनो में क्षमता से अधिक चीते रखे गए। 

हिंदी के एक प्रमुख अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में चीता प्रोजेक्ट से जुड़े वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व डीन वाईवी झाला के हवाले से कहा है कि हमें कूनो की क्षमता के बारे में पता था इसलिए हमने 4-5 चीतों को मुकंदरा भेजने की योजना बनाई थी लेकिन हमें इस बात का आभास नहीं था कि राजनीति के चलते यह योजना खटाई में पड़ जाएगी। 

वहीं कंजरवेशन साइंस एंड प्रैक्टिस नामक जर्नल में कहा गया है कि कूनो में 20 चीतों को रखे जाने से पहले पार्क की क्षमता का अनुमान नहीं लगाया गया। कूनो में प्रति सौ वर्ग किलोमीटर में तीन चीतों को रखे जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि चीतों की बसाहट की योजना में अधिक सावधानी बरती जानी चाहिए थी। 

दरअसल विशेषज्ञों का मानना है कि प्रति सौ वर्ग किलोमीटर पर एक ही चीते की बसाहट होनी चाहिए। चीतों की अपनी एक टेरिटरी होती है और ऐसे में संभव है कि तीन चीते ही पूरे कूनो को अपनी टेरिटरी बना लें। जिस वजह से अन्य चीतों को अपनी टेरिटरी बनाने की जगह ही नहीं मिलेगी। जिस वजह से चीते पार्क से बाहर निकल जाएंगे और लोगों और अन्य जानवरों के जीवन पर खतरा बन आएगा। 

मार्च महीने में कूनो में एक मादा चीते ने दम तोड़ दिया था। उसकी मौत के पीछे की वजह किडनी के संक्रमण को बताया गया था। मादा चीते के बारे में यह खुलासा हुआ था कि वह नामीबिया से भारत लाए जाने के समय ही किडनी संक्रमण से पीड़ित थी। जबकि हाल ही में एक अन्य चीते उदय की भी मौत हो गई। शॉर्ट पीएम उसकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई।