भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव इन दिनों एक्शन मोड में हैं। राज्य में विकास कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। शुक्रवार को मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन बैठक के दौरान सीएम यादव का गुस्सा फूट पड़ा। इस कोप का प्रभाव 4 अधिकारियों पर पड़ा जिन्हें उन्होंने भरी मीटिंग में निलंबित कर दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भरी मीटिंग में रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के सीएमओ और सब-इंजीनियर सहित एक अन्य अधिकारी को निलंबित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम में देरी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा एफआईआर दर्ज न करने पर सिवनी के टीआई और एसडीओपी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

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दरअसल, सीएम मोहन ने शुक्रवार को मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों की समस्याओं के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं का लोगों को लाभ मिलने में देरी पर नाराजगी जताई। इस वर्चुअल बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, कमिश्नर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सीएम ने काम में देरी और लापरवाही बरतने के मामले में 4 अफसरों को सस्पेंड कर दिया।

बैठक में सीएम मोहन ने सिवनी जिले में बच्चों, बालिकाओं और महिलाओं की गुमशुदगी और अपहरण के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर टीआई और एसडीओपी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीहोर में नल जल योजना के पानी को लेकर उन्होंने कहा कि जब पानी देने का निर्णय है तो ऐसी स्थिति क्यों पैदा हो रही है। बता दें कि नल जल योजना समूह के लिए चिन्हित गांवों में से आखिरी गांव तक नल जल योजना का पानी नहीं पहुंच रहा है। इस पर सीएम यादव ने नाराजगी जताई।