BJP से सरपंचों का मोहभंग, पन्ना में 60 सरपंचों ने एकसाथ छोड़ी पार्टी, फंड की कमी से हुए खफा
सरपंचों की प्रमुख मांगों में मनरेगा मजदूरी भुगतान की व्यवस्था में बदलाव शामिल है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अतिरिक्त फंड की बात भी कही गई है।

पन्ना। मध्य प्रदेश के निर्वाचित सरपंचों ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पन्ना जिले में भाजपा समर्थित 60 सरपंचों ने एक साथ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सरपंचों का आरोप है कि वर्तमान सरकार में उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष संजू शुक्ला के नेतृत्व में सरपंचों ने भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेंद्र मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम भी ज्ञापन दिया गया। 60 से अधिक सरपंचों के एकसाथ पार्टी छोड़ने की खबर सामने आते ही भाजपा खेमे में हड़कंप मच गया है।
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सरपंचों की प्रमुख मांगों में मनरेगा मजदूरी भुगतान की व्यवस्था में बदलाव शामिल है। पहले नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत श्रमिकों की फोटो और हेड काउंट के आधार पर पेमेंट होता था। अब आई-ब्लिंक सिस्टम लागू किया गया है, जिससे ग्रामीण श्रमिक परेशान हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भी कई समस्याएं हैं। आवास निर्माण की लागत बढ़कर 2 लाख रुपए हो गई है, लेकिन सहायता राशि नहीं बढ़ाई गई। जन सुनवाई में सरपंचों की भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है। समग्र आईडी पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं से नाम जोड़ने और हटाने में दिक्कत आ रही हैं।
पीएम आवास सर्वे में भी ग्राम पंचायत और सरपंचों की भूमिका को नजरअंदाज किया गया है। सरपंचों का कहना है कि वार्ड-वार सर्वे के बाद उनकी अनुमति जरूरी होनी चाहिए। इन सभी समस्याओं के कारण सरपंचों ने यह कदम उठाया। भाजपा से इस्तीफे के बाद सरपंचों ने कहा कि गांधीजी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी ने पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था।
सरपंचों ने आगे कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांधी जी के सपने को साकार करते हुए पंचायती राज व्यवस्था लागू की। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार ने जनप्रतिनिधियों को अधिकार देकर ग्राम पंचायतों को मजबूत किया। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही ग्राम पंचायतों के धीरे-धीरे सारे अधिकार छीन लिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है।