भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द से जल्द बुलाए जाने की माँग की है। कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार ने सिर्फ़ उन्हीं इलाक़ों में विकास के काम किए, जहां उपचुनाव होने थे। प्रदेश के बाक़ी इलाक़ों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। यह आरोप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है।

पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार ने आठ माह में सिर्फ उन 19 जिलों में काम किए, जहां उप चुनाव थे। जबकि सरकार पूरे प्रदेश की होती है। लेकिन शिवराज सरकार ने भेदभाव किया है। पीसी शर्मा ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में विकास कार्य ठप हो गए हैं। विधायकों का अधिकार है कि वे इसको लेकर विधानसभा में सरकार से जबाव मांगें, लेकिन शीतकालीन सत्र बुलाने की तारीख तय नहीं की गई है। उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्दी से जल्दी विधानसभा का सत्र बुलाए और विधायकों की बात सुने।

कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश में 20 मार्च को कमलनाथ सरकार गिरने के बाद कोराेना संक्रमण के कारण सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस दौरान बजट सत्र आयोजित नहीं किया गया। इसके बाद 17 सितंबर को विधानसभा का सत्र आयोजित किया था। इस दौरान सरकार ने विधेयक पारित करा लिए थे, लेकिन विधायकों के प्रश्नों पर सदन में चर्चा नहीं कराई। इस बीच हंगामा होने के चलते सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद उपचुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण सत्र आयोजित नहीं किया गया।

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ शीतकालीन सत्र दिसंबर के पहले सप्ताह में बुलाए जाने की उम्मीद है। इससे पहले विधानसभा के प्रमुख सचिव कह चुके हैं कि नए विधायकों का शपथ ग्रहण शीतकालीन सत्र के दौरान ही होगा।