भोपाल। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट से तुर्किए की कंपनी के साथ हुए फेयर कलेक्शन करार को तोड़ दिया है। भोपाल मेट्रो ने ऑपरेशन सिंदूर के समय ड्रोन सप्लाई से जुड़े विवाद के बीच करार रद्द किया गया है। तुर्किए कंपनी का करार निरस्त होने के बाद नई टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मेट्रो कॉर्पोरेशन ने तुर्किये की कंपनी एसिस इलेक्ट्रोनिक वे बिलीशिम सिसटेमलेरी से ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (एएफसी) का काम वापस ले लिया है। यह काम उसे 186 करोड़ रुपए में दिया गया था। इसके तहत भोपाल में 199 और इंदौर के मेट्रो स्टेशनों पर 227 गेट लगने थे। लेकिन, विवाद के चलते कंपनी का वर्क ऑर्डर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
भोपाल में कंपनी ने 45 गेट मंगवाकर रख दिए हैं, लेकिन मेट्रो ने इन्हें इंस्टॉल कराने से इंकार कर दिया है। इंदौर में कुछ गेट लगे हैं, मगर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं किया गया। अब इंदौर में नई एजेंसी आने तक टिकट वसूली मैनुअल तरीके से होगी। अक्टूबर में भोपाल मेट्रो की शुरुआत होनी है। ऐसे में नई कंपनी नहीं आई तो यहां मैनुअल टिकटिंग शुरू करनी पड़ेगी। केंद्र से भी ठेका रद्द करने के निर्देश मिल चुके हैं।
बता दें कि तुर्किये कंपनी को ठेका देने पर सबसे पहले नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सवाल उठाए थे। हाल ही में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मुद्दे को उठाया। दोनों नेताओं ने सवाल किया कि जिस कंपनी का नाम अंतरराष्ट्रीय विवादों में आ रहा है, उसे इतना बड़ा सरकारी ठेका क्यों दिया गया। यह मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा था।