रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में एक पिता ने अपने बेटे की याद में दस बिस्तरों वाला एक अस्पताल बनवाया है। रतलाम ज़िले के धराड़ निवासी हेमेंद्र पाटीदार ने चार लाख रुपए खर्च करके एक अस्पताल बनाया और गांव को दान कर दिया। अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं हैं। अब गांव के किसी व्यक्ति को ज़रूरत पड़ने पर प्राथमिक इलाज के लिए सीधा ज़िला अस्पताल का रुख नहीं करना पड़ेगा। हेमेंद्र पाटीदार की इस पहल से गांववासी काफी खुश हैं। ग्रामीण इस योगदान के लिए हेमेंद्र पाटीदार को दुआएं दे रहे हैं।

बेटे की पुण्यतिथि पर दान किया अस्पताल 

हेमेंद्र पाटीदार ने अपने दिवंगत बेटे शिवम की याद में अस्पताल बनवाया है। शिवम की दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। लिहाज़ा बेटे की याद में हेमेंद्र ने अपने गांव में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाओं से लैस एक अस्पताल बनवा दिया और बेटे की पुण्यतिथि पर गांव को दान भी कर दिया।

शिवम पुणे में पढ़ाई करता था। दो साल पहले वो छुट्टी पर घर आया तो पिता ने उसे एक बाइक खरीद कर दी थी। लेकिन शिवम सड़क हादसे का शिकार हो गया। उसे ज़िला अस्पताल ले जाया गया, मगर इलाज़ मिलने में देर की वजह से डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। ज़िला अस्पताल के डॉक्टरों ने शिवम के पिता हेमेंद्र से कहा कि अगर समय रहते या गांव में ही शिवम को प्राथमिक इलाज मिल गया होता तो उसकी जान बच सकती थी। 

हेमेंद्र को इस हादसे ने दुखी तो किया ही, साथ ही उन्हें यह भी लगा कि अगर गांव में प्राथमिक इलाज़ की सुविधा होती तो उन्हें अपने बेटे को खोना नहीं पड़ता। यही वजह है कि बेटे की मौत के बाद हेमेंद्र गांव में ऐसा अस्पताल बनवाने में जुट गए, जिसमें कम से कम प्राथमिक उपचार की सुविधा हो। आज वो अस्पताल बन कर तैयार है।