धार। मध्य प्रदेश में कारम नदी पर 304 करोड़ की लागत से बने डैम को फूटने से बचाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना के जवान रात करीब 2 बजे मौके पर पहुंचे और बांध को फूटने से बचाने के काम में जुट गए। इसके अलावा NDRF की सूरत, बड़ोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी मौके के लिए रवाना कर दी गई है। हर टीम में करीब 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं। 



अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया कि सेना की मदद ली जाए। मौके पर मौजूद सेना के मेजर ने बताया कि  50 और जवान आने वाले हैं। इधर, दूसरे छोर पर डैम का पानी निकलाने के लिए नहर बनाई जा रही है। पहले दो मशीनें खुदाई कर रहीं थीं, अब मशीनों की संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई है। अबतक 30 फीट गहरा गड्‌ढा कर चुके हैं। जमीन में सोलडर पत्थर और मिट्‌टी के कारण मशीनों को काम करने में दिक्कत आ रही है।





मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह 11 बजे वल्लभ भवन (भोपाल) पहुंचे। यहां बनाए गए सिचुएशन रूम से उन्होंने डैम और ताजा स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, ACS राजौरा, ACS एसएन मिश्रा भी साथ रहे। इससे पहले सुबह करीब 8 बजे जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, उद्योग संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे। उनकी मॉनिटरिंग में ही डैम के दूसरे छोर से वैकल्पिक नहर बनाने की कोशिशें चल रही हैं। प्रशासन का मानना है कि इस बनने वाली नहर से एक बार पानी का फ्लो शुरू हो जाएगा, तो डैम में पानी का दबाव कम होता चला जाएगा। इससे नुकसान को कम करने में बहुत मदद मिलेगी। 



दरअसल धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में गुरुवार से लीकेज के बाद पानी का रिसाव शुरू हुआ था। शुक्रवार सुबह बांध के एक तरफ की मिट्‌टी बह गई। इससे डैम की वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया। इसके बाद खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए। इनमें धार जिले के 12 और खरगोन के 6 गांव शामिल हैं। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। डैम से प्रभावित होने वाले गांवों में धारा 144 लगा दी गई है। हैरानी की बात ये है कि 304 करोड़ 44 लाख की लागत से बना यह डैम पहली ही बारिश में लीक होने लगा है।