भोपाल। उज्जैन में मतगणना के दौरान हुई कथित गड़बड़ियों के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी बेहद सजग हो गई है। कांग्रेस को आशंका है कि उज्जैन की तरह ही रतलाम में भी मतगणना को प्रभावित किया जा सकता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है।

राज्यसभा सांसद ने पत्र में लिखा है कि, 'रतलाम जिले की रतलाम नगर निगम में चुनाव के दौरान हुए फर्जी मतदान में स्थानीय पुलिस द्वारा गुंडा तत्वों को संरक्षण देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने घटना के 6 दिन व्यतीत होने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस का कृत्य सत्ता पक्ष के साथ मिलीभगत का स्पष्ट उदाहरण होकर निंदनीय है। रतलाम शहर में इस घटना के अलावा भी अन्य मामलों में कांग्रेस समर्थकों पर हमले किये गये थे।' 

सिंह ने आगे लिखा कि, 'भारतीय जनता पार्टी के वार्ड 49 के उम्मीदवार और महापौर पद के प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा बूथ क्रमांक 270 और 269 पर फर्जी मतदान कराते हुए बूथ पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी स्नेहलता झालानी और अभिकर्ता सुरेश राठौर ने जब इस धांधली का विरोध किया तो उनके साथ गाली गलौच कर मारपीट की गई। कांग्रेस की महिला प्रत्याशी झालानी ने स्थानीय पुलिस अधिकारी, एस.डी.एम सहित आयोग के चुनाव पर्यवेक्षक को मामले में लिखित सूचना दी थी। उन्होंने शिकायत में घटना के तथ्यों के साथ विडियो भी पेश किये। जिस पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।'

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उन्होंने आश्चर्य जताते हुए लिखा कि सैकड़ों लोगों और पुलिस बल के बीच घटित इस घटना पर आज तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। सभी आरोपी सत्ताधारी दल बीजेपी के कार्यकर्ता, नेता और असामाजिक तत्व है। उन्होंने कहा कि, 'अगर पुलिस सत्ताधारी दल की एजेंट बनकर काम करने लगेगी तो जनता का पुलिस व्यवस्था पर से विश्वास उठ जायेगा। रतलाम शहर में ही संदीप पोरवाल के साथ विराज सोनी और राजेश बैरागी ने जानलेवा हमला कर मारपीट की। यह भी राजनैतिक रुप से की गई बदले की कार्यवाही है। इस मामले में फरियादी के सिर में गंभीर चोट आने पर वह इंदौर के सी.एच.एल. हास्पिटल में भर्ती होकर इलाजरत है। पुलिस ने इस वारदात में जानलेवा हमले की जगह मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया हैं।'

सिंह ने निर्वाचन आयोग और पुलिस महानिदेशक से अनुरोध जताते हुए कहा कि कल रतलाम में नगर निगम चुनाव के वोटों की गिनती होने जा रही है। असामाजिक तत्व उज्जैन की तरह वहां भी गडबड़ी कर चुनाव प्रभावित कर सकते हैं, पुलिस की साख को बचाये रखने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से किसी वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी से मामले की जांच कराई जाए साथ ही दोषी अपराधियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी करने के पुलिस अधीक्षक रतलाम को निर्देश देने का कष्ट करें।'