छिंदवाड़ा/भोपाल। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन शाह बट्टी का शव राजधानी में रोके जाने पर समर्थकों ने सोमवार को उनके ग्राम हर्रई में चक्का जाम कर दिया। अमरोड़ा के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की रविवार को राजधानी के चिरायु अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वे कोरोना से संक्रमित थे। 

पूर्व विधायक के समर्थकों ने शव को राजधानी में रोके जाने को लेकर उनके गृह ग्राम में चक्का जाम कर दिया है। उनकी मांग है कि उनके नेता का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द अंत्येष्टि के लिए छिंदवाड़ा भेजा जाए। समर्थकों का कहना है कि जब तक उनके नेता का शव उनके गृह ग्राम नहीं भेजा जाएगा तब तक वे विरोध प्रदर्शन करना बंद नहीं करेंगे।

नेता की मौत पर कमिटी गठित हो 
अमरोड़ा के पूर्व विधायक की आकस्मिक मौत पर उनके समर्थक सवाल खड़ा कर रहे हैं तथा उनके शव को राजधानी में रोके जाने पर भी संदेहास्पद बता रहे हैं। इसी बीच मनावर से जीजीपी विधायक हीरालाल अलावा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर नेता की मौत की जांच करने हेतु एक कमिटी बनाने की मांग की है। 

हीरालाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पूछा है कि आखिर इतने बड़े नेता के बिगड़ते स्वास्थ्य की मीडिया में कोई खबर दी गई न ही कोई हेल्थ बुलेटिन जारी की गई। मीडिया में उनके अस्वस्थ्य होने की कोई खबर रिपोर्ट नहीं की गई और अचानक ही हार्ट अटैक से उनकी मौत की खबर सामने आ गई। जो कि काफी संदेह पैदा करता है। हीरालाल ने कहा है कि प्रदेश के आदिवासी समाज को यह जानने का पूरा हक है कि आखिर दिवंगत नेता को भोपाल के चिरायु अस्पताल में क्यों रेफर किया गया ? भर्ती के दौरान उनकी कौन कौन सी जांच की गई ? उपचार के दौरान उन्हें कौन कौन सी दवा दी गई तथा उनका इलाज किस स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा किया गया ? हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री से इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए एक जांच कमिटी गठित करने का अनुरोध किया है।