भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर प्रदेश के किसानों से वसूले जा रहे ब्याज का मामले उनके संज्ञान में लाया है। सिंह ने कहा है कि भुगतान में देरी के लिए शासकीय व्यवस्था जिम्मेदार है। ऐसे में किसानों से ब्याज वसूलना उचित नहीं है।

सीएम मोहन यादव को संबोधित इस पत्र में पूर्व सीएम ने बताया है कि मालवा अंचल के दौरे में मिलने आये किसानों ने बताया कि 31 मार्च 2025 तक रबी की फसल बेचने के बाद समय पर भुगतान नहीं होने से ऋण लेने वाले किसानों से 7 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जा रहा है। किसानों की मांग है कि मार्च 2025 तक फसल बेचने वालों से वसूला गया ब्याज वापस किया जाए, क्योंकि भुगतान में देरी के लिए शासकीय व्यवस्था जिम्मेदार है। 

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने पूरे मामले को विस्तार से बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड पर जिन किसानों ने ऋण लिया था उन्हें भुगतान करने के लिए 31 मार्च तक की अवधि दी गई थी किसानों ने उपार्जन के केंद्रों पर रबी की फसल 31 मार्च के पूर्व इसलिए बेच दी थी कि भुगतान मिलने पर वे अपना लोन सहकारी समितियों में ब्याज लगने के पूर्व जमा कर देंगे। लेकिन खरीदी केंद्रों पर खरीदी के बाद किसानों की उपज का भुगतान अप्रैल 2025 तक किया जाता रहा। 

सिंह ने लिखा है कि विलंब से फसल का भुगतान मिलने से किसान समय पर फसल बेचने के बाद भी लोन नहीं चुका सका। उधर समिति ने 7% ब्याज लगाकर लोन की वसूली शुरू कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से अनुरोध किया है कि जिन किसानों ने मार्च 2025 तक फसल बेच दी थी पर उन्हें भुगतान अप्रैल 2025 में किया गया, प्रदेश के ऐसे लाखों किसानों से वसूला गया ब्याज वापस किया जाए।