ग्वालियर। मध्य प्रदेश में चुनावी मौसम के बीच उपचुनावों का केंद्र कहे जाने वाले ग्वालियर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के जयकारे लगाए गए। ये नारे हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं के द्वारा जिला प्रशासन कार्यालय के बाहर लगाया गया। मंगलवार को अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने तीन साल पहले यानी 2017 में ज़ब्त की गई नाथूराम गोडसे की मूर्ति को वापस लेने के लिए ये नारेबाज़ी की। संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मूर्ति वापस नहीं की जाती है, तो वे इसकी जगह नई मूर्ति अपने कार्यालय में लगवाएंगे। 

हिंदू महासभा के नेता जयवीर भारद्वाज के नेतृत्व में मंगलवार को ग्वालियर के गोरखी में स्थित जिला प्रशासन कार्यालय का घेराव कर धरना दिया गया। इस दौरान हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने 'नाथूराम गोडसे अमर रहें' और 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' जैसे नारे लगाए।  

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि हमारी पार्टी ने नवम्बर 2017 को अपने निजी भवन यानी पार्टी कार्यालय में नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई थी। संविधान  हमें अधिकार देता है कि हम अपने आराध्य की पूजा कर सकते हैं। अपने निजी भवन में मूर्ति भी लगा सकते हैं। लेकिन प्रशासन ने मनमानी करते हुए हमारे भवन से मूर्ति जब्त कर ली थी। जिसके बाद से हम कई बार जिला प्रशासन को मूर्ति वापस देने के लिए ज्ञापन और संस्मरण पत्र दे चुके हैं। आज हम जिला अधिकारियों को चेतावनी पत्र देने आए हैं। अगर मूर्ति वापस नहीं की गई तो हम उसकी जगह अपने भवन में नाथूराम गोडसे की नई मूर्ति लगा लेंगे। 

कांग्रेस के विरोध के बाद हटी थी मूर्ति 

15 नवम्बर 2017 को ग्वालियर शहर के दौलतगंज स्थित हिंदूसभा के दफ्तर में नाथूराम गोडसे की मूर्ति की स्थापना की गई थी। उस समय कांग्रेस के लगातार सात दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने मूर्ति को हटवा दिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान इसी कार्यालय में नाथूराम गोडसे की जंयती फिर मनाई गई थी, जिसके बाद काफी बवाल खड़ा हो गया था।

हिंदू महासभा के लोग नाथूराम गोडसे को मानते हैं आराध्य 

नाथूराम गोडसे चरमपंथी हिन्दुओं के संगठन हिंदू महासभा से जुड़े थे। यह संगठन हमेशा से ही नाथूराम गोडसे को अपना पूज्य मानने की बात करता है। और इन बातों को लेकर विवादों में भी घिरा रहता हैं। बीते 15 नवम्बर को भी इस संगठन ने नाथूराम गोडसे की फांसी के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया था। संगठन ने उसे आरोपी न मानते हुए हत्या को वध बताया था। 

आपको बता दें नाथूराम गोडसे ने अदालत के सामने कहा था कि "गांधी जी ने देश की सेवा की है इसीलिए मैं उनका आदर करता हूं। गोली चलाने से पहले मैंने उन्हें सम्मानवश झुककर प्रणाम किया था। पर देश के विभाजन का हक़ किसी भी बड़े से बड़े महात्मा को नहीं है। इसलिए मैंने उन्हें गोली मारी थी।"

हिन्दू महासभा के इस प्रदर्शन से एक बार फिर उपचुनाव में माहौल गरमाने की संभावना है।