भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी भर्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी आरक्षण के मामले में राज्य सरकार घिरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों में 13 फीसदी पदों को होल्ड किए जाने को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा कि मध्य प्रदेश सरकार सो रही है क्या?

ओबीसी महासभा के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एमपी सरकार सो रही है क्या? OBC के 13% होल्ड पदों पर 6 साल में क्या किया? एडवोकेट ठाकुर ने बताया कि याचिका MPPSC के चयनित अभ्यर्थियों ने लगाई है, जिनको नियुक्ति नहीं दी जा रही है। मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने 29 सितंबर 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, इसे कोर्ट में चैलेंज किया गया है। सरकार ने कोर्ट में कहा था कि हम भी रिजर्वेशन देना चाहते हैं। ऐसे में ऑर्डिनेंस पर जो स्टे है, उसे वेकेंट किया जाए।

इस पर कोर्ट ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि मप्र सरकार के जो जनप्रतिनिधि कहते हैं कि हम ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, उनके वकील सुनवाई में तब पहुंचते हैं, जब ऑर्डर डिक्टेट हो जाता है। फिर ये नेता कहते हैं कि ऑर्डिनेंस पर स्टे वेकेंट नहीं होने से प्रशासनिक परेशानियां आ रही हैं।

बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 4 मई 2022 के अंतरिम आदेश में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14% तक सीमित कर दी थी। इसके बाद से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। 5 अगस्त को हुई सुनवाई में ओबीसी महासभा की ओर से कहा गया था कि परीक्षा के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही है। छत्तीसगढ़ जैसी राहत एमपी में दी जाए।

मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का OBC विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनक़ाब हो गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में OBC को 27% आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई हुई। इस मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगायी और पूछा कि MP सरकार सो रही है क्या? छह साल से आप क्या कर रहे हैं? सबको पता है कि 2019 में मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रदेश में अन्य पिछड़ावर्ग को 27% आरक्षण दिया गया था। लेकिन उसके बाद बनी भाजपा सरकार ने जानबूझकर इस आरक्षण को ख़त्म करने की साज़िश की। 

कमलनाथ ने आगे कहा, 'भाजपा सरकार ने अपनी ओर से यह फ़ॉर्मूला दिया कि OBC के 13% पद होल्ड कर दिए जाएं और 14% पदों पर भर्ती हो।माननीय उच्चतम न्यायालय पूर्व में भी पूछ चुका है कि OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण पर किसने रोक लगायी है? इसे लागू करने में क्या दिक़्क़त है? लेकिन भाजपा सरकार हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर तारीख़ पर तारीख़ का खेल खेलती रही है। भाजपा सरकार को फटकार लगाने के साथ ही सुप्रीमकोर्ट ने 23 सितंबर को इस मामले की सुनवाई की अंतिम तारीख़ तय की है। मैं भाजपा सरकार से स्पष्ट कहना चाहता हूँ कि वह साज़िश करना छोड़ सही ढंग से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करे और OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार उसे दिलाए।'