ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए आज कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल में चुनाव प्रचार अभियान का औपचारिक शंखनाद कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने रोड शो कर अभियान को शुरू किया। ज्योतिरादित्य सिधिया के गढ़ ग्वालियर में कमल नाथ की रैली में जुटी भीड़ से कांग्रेस उत्साहित है। 

दो दिन के प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे कमल नाथ का विमानतल पर स्थानीय नेताओं ने स्वागत किया। विमानतल से ही रोड शो आरंभ हुआ। रोड शो में हजारों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए।  

कमलनाथ का यह रोड़ शो 14 किलोमीटर लंबा था। कमलनाथ ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर माल्यार्पण किया। समाधि स्थल पर रोड़ शो का समापन हुआ। यहां कमल नाथ को संबोधित करना था मगर बारिश के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। 

आपको बता दें कि इस उपचुनाव में ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर चुनाव होने है। ये सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के वर्चस्व वाली मानी जाती है। इनमें मुंगावली, अशोकनगर, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, करेरा, भांडेर, बामौरी, पोहरी, डबरा ,जौरा, दिमनी, गोहद, मुरैना, अंबाह, मेंहगांव और सुमावली सीट शामिल है। 

Click: Kamal Nath: सिंधिया बताएं क्यों पिछड़ा ग्वालियर, बीजेपी में जाते ही सीख लिया झूठ बोलना

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने ग्वालियर यात्रा के पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि पहले मध्यप्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी। अब इंदौर, भोपाल और जबलपुर से एमपी को पहचाना जाता है। ग्वालियर से नहीं। मैंने तो ग्वालियर क्षेत्र की पूरी राजनीति और वहां के विकास का जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दिया था। आज यह क्षेत्र इतना पिछडा क्यों है? जनता को सिंधिया से यह पूछना चाहिए कि सिंधिया परिवार ने ग्वालियर-चंबल के लिए क्या किया, ग्वालियर की कौन सी पहचान बनाई गई? उन्होंने कहा था कि मैंने ग्वालियर पर कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि हमने इसका ज़िम्मा सिंधिया परिवार को दे रखा था। अब सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान से झूठ बोलना सीख लिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद ग्वालियर का यह पहला दौरा है। अपने नेताओं की गद्दारी का हवाला देकर जहां कांग्रेस चुनाव मैदान में है, वहीं बीजेपी ने भी पूरी सत्ता की ताकत इस संभाग में झोंक दी है। ज्यादातर बड़े प्रयोजन और प्रोजेक्ट इसी इलाके के लिए ऐलान किए जा रहे हैं। दो दिन पहले शिवराज कैबिनेट की मंत्री इमरती देवी ने तो समर्थकों के बीच यह तक दावा कर दिया कि चुनाव तो सत्ता सरकार ही जीतेगी, क्योंकि कलेक्टर उनके आदेश की अवहेलना थोड़े ही कर सकता है। बहरहाल 6 महीने पहले कांग्रेस का तख्तापलट कर सत्ता में आयी शिवराज सरकार के लिए ये परीक्षा आसान भी नहीं है।