उज्जैन। कवि कुमार विश्वास ने उज्जैन में दिए अपने बयान पर सफ़ाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जिस संबंध में बात को कहा है उसको ठीक से नहीं बताया जा रहा है।

दरअसल, उज्जैन में आयोजित कालिदास अकादमी परिसर में विक्रमोत्सव के तहत रामकथा के दौरान कुमार विश्वास ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरएसएस के लोग अनपढ़ हैं और वामपंथी कुपढ़ हैं। अब इस बयान पर कुमार विश्वास ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि बात उन्होंने एक लड़के को लेकर यह बात कही थी, जो उनके कार्यालय में कार्यरत है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए नहीं लेकिन कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे अलग अर्थ में पेश कर दिया।

उन्होंने कथा के बीच में एक उदाहरण देते हुए कहा कि ‘बजट से पहले बच्चे ने पूछा कि कैसा बजट आना चाहिए, मैंने कहा कि तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। तो वो बोला रामराज्य में कहां बजट होता था।’ इसके बाद उन्होने जो कहा उस पर अब बवाल हो रहा है। कुमार विश्वास ने कहा कि ‘समस्या यही है कि वामपंथी कुपढ़ है।
उन्होंने आगे कहा था कि एक तो वामपंथी हैं जिन्होने पढ़ा सब है लेकिन गलत पढ़ा है और एक ये (आरएसएस) वाले हैं जिन्होंने पढ़ा ही नहीं है।

बता दें कि इस बयान के बाद से ही बीजेपी कुमार विश्वास पर हमलावर हो गई थी। प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने अपने ट्विटर पर कुमार विश्वास को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उज्जैन में कथा करने आए हो कथा करो प्रमाण पत्र मत बांटो। हालांकि अब कुमार विश्वास अपने ही बयान से पलट गए हैं।