छिंदवाड़ा। इंटरनेट के जमाने में अब भारत के भिखारी भी हाईटेक हो गए हैं। बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी एक डिजिटल भिखारी सामने आया है। छिंदवाड़ा का यह भिखारी गले में QR कोड लटकाए घूमता है और ऑनलाइन माध्यम से भीख मांगकर भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अपना योगदान दे रहा है।



छिंदवाड़ा के इस अनोखे भिखारी का नाम हेमंत सूर्यवंशी है। जानकारी के मुताबिक डिजिटल तरीके से भीख मांगने वाले हेमंत पहले नगर पालिका में काम करते थे लेकिन किन्हीं वजहों से उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। नौकरी जाने के बाद उन्होंने भीख मांगना शुरू कर दिया। वर्तमान में भी वह भीख मांग कर ही अपना जीवन यापन करते हैं।





हेमंत के मुताबिक पहले वह साधारण भिखारियों की तरह ही भीख मांगते थे। लेकिन समय के साथ उन्होंने अपने काम को थोड़ा अपडेट किया। चूंकि, ऑनलाइन पेमेंट शुरू होने के बाद अब अधिकांश लोग जेब में पैसे लेकर नहीं चलते हैं। ऐसे में उन्हें भीख मिलना कम हो गया था, लेकिन जब से उन्होंने डिजिटल रूप से भीख मांगना शुरू किया है लोग अब छुट्टे नहीं होने का बहाना भी नहीं बनाते और कई लोग उन्हें कौतूहलवश भी भीख देते हैं।



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हेमंत सूर्यवंशी, जब किसी के पास भीख मांगने जाते हैं तो वह चिल्लाते कि बाबूजी चिल्लर नहीं तो गूगल पे कर दो। इस तरह से लोग हेमंत के गूगल पे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। हालांकि, भिखारी हेमंत इस गूगल पे अकाउंट को कैसे हैंडल करते हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हेमंत ने कहा कि सरकारी बैंक में हमारे कई अकाउंट हैं। गले में गूगल पे का बार कोड लटकाए हेमंत पूरे छिंदवाड़ा शहर में घूमते रहते हैं।