बदनावर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजसभा सांसद दिग्विजय सिंह मालवा क्षेत्र के दौरे पर हैं। सिंह का यह दौरा मालवा फतह के लिए कांग्रेस की विशेष रणनीति का हिस्सा है। इस दौरे के दौरान पूर्व सीएम पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं और उनके सुझावों को नोट कर रहे हैं। इसी क्रम में सिंह ने गुरुवार को बदनावर विधानसभा क्षेत्र के मंडलम-सेक्टर अध्यक्षों की बैठक ली और उन्हें चुनाव प्रबंधन का गुर सिखाया।

दिग्विजय सिंह बुधवार देर रात बदनावर पहुंचे। गुरुवार सुबह यहां रेस्ट हाऊस पर आयोजित प्रेस वार्ता में सिंह कहा कि प्रदेश में इस समय परिवर्तन की लहर चल रही है। मतदाता भाजपा सरकार की रीति नीति से तंग आ चुके हैं तथा उसे चुनाव में सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। सिंह ने कहा कि भाजपा को वोट मांगने का कोई हक नहीं है। पार्टी आज सरकार नहीं चला रही वह व्यवसाय कर रही है। सभी नेता दलाल बन गए हैं। अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग लोगों को लूटने में लगा है।

केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की फर्जी डिग्री का मुद्दा उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि यह सही है। कोई सहपाठी यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि मोदीजी मेरे साथ कॉलेज में पढ़े हैं और मैंने दुकान पर चाय पी है। धार में युवती की दिनदहाड़े हत्या मामले में सिंह ने कहा कि कल जो लड़की की हत्या हुई उसमें पुलिस लापरवाही सामने नजर आ रही हे। जब उसने उस लड़के के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मध्य प्रदेश में सबसे अधिक महिला पर अत्याचार होते हैं। 

लाडली बहना योजना को लेकर सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार में लागू की गई योजनाएं बंद कर अब उन्हें नए सिरे से लागू किया जा रहा है। हमारी सरकार में लाडली बहना योजना हिमाचल एवं कर्नाटक में पहले ही लागू हो चुकी है। जबकि 20 साल बाद और चुनाव के 6 महीने पहले शिवराज सिंह चौहान को अब इनकी याद आई है। प्रेस वार्ता के बाद दिग्विजय सिंह ने पार्टी के सेक्टर एवं मंडल पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बैठक ली। दोपहर बाद वे रतलाम के लिए रवाना हुए।

दरअसल, मध्यप्रदेश में चुनावी जमावट को मजबूत करने के साथ समीकरणों को तैयार करने के लिए दिग्विजय प्रदेशभर में बैठक ले रहे हैं। सिंह अब तक 29 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। गुरुवार से दिग्विजय सिंह धार, रतलाम, मंदसौर व नीमच जिले की 6 विधानसभाओं के दौरे पर रहेंगे। शुक्रवार 28 अप्रैल को वे मंदसौर जिले की सुवासरा और मंदसौर विधानसभा एवं 29 अप्रैल को नीमच जिले की जावद और नीमच समेत 6 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के मंडल सेक्टर अध्यक्षों की बैठकों में भाग लेंगे।

बता दें कि मालवा-निमाड़ को प्रदेश की सत्ता की चाबी कहा जाता है। जिस पार्टी को यहां कामयाबी मिलती है, प्रदेश की सत्ता पर उसी का राजतिलक होता है। पिछले पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे यही कहते हैं। ऐसे में सिंह का मालवा क्षेत्र का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। इसके बाद पूर्व सीएम निमाड़ क्षेत्र का भी दौरा करेंगे।

सियासी जानकारों की मानें तो साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह मालवा-निमाड़ ही रहा था। क्योंकि यहां की 66 सीटों में से सबसे अधिक 35 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं, बीजेपी को महज 28 सीटों से संतोष करना पड़ा था और कांग्रेस 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता वापसी में सफल रही थी।