भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले के जांच की जद में कमलनाथ सरकार में मुख्य सचिव रहे एम गोपाल रेड्डी भी आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास पर छापा मारा है। इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने रेड्डी के यहां मौजूद दस्तावेजों की छानबीन की। शिवराज सरकार के दौरान हुए इस घोटाले के दौरान रेड्डी जल संसाधन विभाग के एसीएस थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित करीब 16 जगहों पर छापेमारी की है। रेड्डी के अलावा उन कंपनियों के यहां भी छापे की सूचना है, जिन्हें टेंडर में टेम्परिंग करके ठेके दिए  जाने का आरोप है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक ईडी की एक टीम ने बुधवार को भोपाल में हैदराबाद की ही आईटी कंपनी ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन के मानसरोवर कॉम्प्लेक्स स्थित दफ्तर पर कार्रवाई की थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। 

गौरतलब है कि सबसे ज्यादा जल संसाधन के 7 ठेकों के ई टेंडर में घोटाले होने के आरोप हैं। घोटाले के दौरान विभाग के प्रशासनिक प्रमुख गोपाल रेड्डी ही थे। जानकारी के मुताबिक 1985 बैच के आईएएस अफसर गोपाल रेड्डी सितंबर 2020 में रिटायर हो गए थे। इसके पहले कमलनाथ की सरकार में उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया था लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता में लौटते ही उन्हें हटाकर इकबाल सिंह को मुख्य सचिव बना दिया। रिटायर होने के बाद से रेड्डी हैदराबाद शिफ्ट हो गए थे।

मामले में मध्यप्रदेश ईओडब्ल्यू ने कंपनी के 3 डायरेक्टर विनय चौधरी, वरुण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इन्होंने फर्जी डिजिटल सिग्नेचर तैयार कर अपने कस्टमर कंपनी को मध्यप्रदेश के अधिकारियों की मिलीभगत से ई-टेंडर में बिडिंग कराकर काम दिलाया था।