भोपाल। मध्यप्रदेश के अस्पतालों में पिछले एक महीने से ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबरें आ रही हैं। लेकिन एक महीने में भी शिवराज सरकार दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन लाने के लिए पर्याप्त टैंकर नहीं जुटा पाई है। दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन लाने के लिए अब भी शिवराज सरकार को दस और टैंकरों की दरकार है। 

दरअसल रोज़ाना के स्तर पर मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए मध्यप्रदेश को कुल 96 टैंकरों की ज़रूरत है। लेकिन राज्य सरकार के पास केवल 86 टैंकर हैं। नतीजतन केंद्र सरकार से मिले ऑक्सीजन के कोटे के बावजूद मध्यप्रदेश में 50 से 60 टन ऑक्सीजन की कमी है। एक हिंदी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश करीब 60 टन ऑक्सीजन, सप्लायर कंपनियों से नहीं ले पा रहा है। अकेले राजधानी भोपाल और इंदौर में प्रति दिन 110 से 130 टन ऑक्सीजन की खपत बनी हुई है।

हालांकि ऑक्सीजन और उनके टैंकरों की कमी से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक नीति ज़रूर बनाई है। ऑक्सीजन टैंकरों के रोटेशन ऐसा रखा गया है कि प्रदेश में हर दिन ऑक्सीजन टैंकर ऑक्सीजन लेकर पहुंच पाएं। जामनगर, बोकारो, भिलाई और राउरकेला प्लांट की दूरी होने के बावजूद मध्यप्रदेश में रोज़ाना 27 से 30 टैंकर पहुंच रहे हैं।