भोपाल। मध्य प्रदेश में पेट्रोल व डीजल पर लगाए गए टैक्स के खिलाफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की तीन दिनों की हड़ताल शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की माँग का समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के ट्रांसपोर्टर्स ने भी 3 दिनों में तक मध्यप्रदेश में माल नहीं भेजने का निर्णय लिया है। हड़ताल के कारण 12 अगस्त तक विभिन्न सामान की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसके लिए राज्य सरकार ने कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अलर्ट कर दिया है।

प्रांतीय ट्रांसपोर्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश सचिव कमल पंजवानी के अनुसार ट्रांसपोर्टर अवैध वसूली और डीजल पर लग रहे भारी टैक्स का विरोध कर रहे हैं। राजधानी के 1.25 लाख वाहन जरूरी वस्तुओं की सप्लाई के साथ गोविंदपुरा और मंडीदीप के औद्योगिक क्षेत्रों में माल के परिवहन के काम में लगी हैं। हड़ताल का असर इन सभी पर पड़ेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 11 अगस्त को प्रदेश के चार आरटीओ बैरियर पर प्रदर्शन किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन  का कहना है कि सेंधवा, मुरैना, मालथौन, और मुलताई पर हर गाड़ी से 500 रुपए निकलने का लिया जाता है। इसे भी कम करने की मांग कर रहे हैं।

पेट्रोल पंप एसोसिएशन का समर्थन 

मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने भी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का समर्थन किया है। अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की मांग सही है। वैट बहुत ज्यादा है। अभी पेट्रोल पर कर समेत कुल मिलाकर करीब 36% और डीजल पर 30% तक है। वर्तमान में पेट्रोल और डीजल के रेट अधिकतम स्तर पर हैं। हम उनकी हड़ताल का समर्थन करते हैं। डीज़ल का ज़्यादा दाम होने का असर पेट्रोल पंप व्यवसाय पर भी होता है। दिल्ली और महाराष्ट्र में डीजल के रेट कम होने के कारण मध्यप्रदेश के अधिकांश ट्रांसपोर्टर दूसरे राज्यों में डीजल भरवाते हैं। एमपी से गुजरने वाले अन्य राज्यों के वाहन भी यहाँ से ईंधन नहीं लेते हैं। 

आम जन जीवन पर होगा असर  
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का दावा है कि इस तीन दिवसीय हड़ताल के दौरान पूरे प्रदेश में 4-5 लाख ट्रक नहीं चलेंगे। ऐसे में पूरे प्रदेश में मालों की आवाजाही पर रोक रहेगी। इसमें सबसे ज़्यादा असर किराना के सामानों की उपलब्धता पर पड़ेगा। राज्य सरकार ने कलेक्टरों से व्यवस्था करने के लिए कहा है ताकि आवश्यक सामान की आपूर्ति बाधित न हो।  

क्या है चार माँगें 

  • आरटीओ सीमाओं के चेक पोस्ट खत्म करें 
  • डीजल पर वैट टैक्स घटाया जाए 
  • रोड टैक्स में छह महीनों की छूट दी जाए
  • ड्राइवरों का कोविड बीमा किया जाए