नई दिल्ली। देशभर में पिछले कुछ चुनावों के अप्रत्याशित नतीजों ने EVM की विश्वसनीयता और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को कठघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्ष लगातार निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहा है। हालांकि, आयोग द्वारा लगातार गोपनीयता का हवाला देकर विपक्ष की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसी बीच अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए हैं।

दरअसल, चुनाव आयोग ने तय किया है कि अब चुनावों के दौरान खींची गई फोटो, CCTV फुटेज, वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग सिर्फ 45 दिनों तक ही सुरक्षित रखी जाएंगी। इसके बाद सारा डेटा डिलीट कर दिया जाएगा। EC ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नतीजे को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जाती है, तो 45 दिन बाद ये सारा डेटा नष्ट कर दिया जाए।

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कांग्रेस ने आयोग के इस नियम का विरोध किया है। पार्टी ने कहा कि पहले एक साल तक इस डेटा को सेफ रखा जाता था, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कभी भी इसकी जांच हो सके। आयोग का यह नियम पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है। इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।

चुनाव आयोग ने शनिवार को ये भी कहा कि वोटिंग सेंटर्स की वेबकास्टिंग की CCTV फुटेज शेयर करना सही नहीं है। इससे वोटर्स, ग्रुप की पहचान करना आसान हो जाएगा। वोट देने वाले और वोट न देने वाले दोनों ही असामाजिक तत्वों के दबाव, भेदभाव और धमकी का शिकार हो सकते हैं। आयोग ने कहा कि CCTV फुटेज सार्वजनिक करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के कानूनी प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन होगा। 

चुनाव आयोग का ये जवाब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली होने के दावे पर CCTV फुटेज शेयर करने की मांग पर आया है। इसे लेकर अब राहुल गांधी ने आयोग को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग द्वारा वोटर लिस्ट Machine-readable फ़ॉर्मेट नहीं दिया जा रहा।

राहुल गांधी ने आयोग पर CCTV फुटेज को कानून बदलकर छिपाने के आरोप लगाए हैं। साथ ही कहा कि चुनाव की फोटो-वीडियो अब 1 साल नहीं, 45 दिनों में ही मिटा देंगे। उन्होंने कहा कि जिससे जवाब चाहिए था, वही सबूत मिटा रहा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाते भी कहा, 'साफ़ दिख रहा है - मैच फिक्स है। और फिक्स किया गया चुनाव, लोकतंत्र के लिए ज़हर है।'