गुना। मध्य प्रदेश में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है। हालात ये हैं कि किसान दो-दो दिन लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाद नहीं पा रहे हैं। गुना में खाद की कतार में खड़ी एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। ठंड में दो दिन तक लाइन में लगी रहने के बाद भी उसे खाद नहीं मिली थी। दिनभर इंतज़ार के बाद वह रात में वहीं वितरण केंद्र के बाहर सो गई। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।
कुशेपुर गांव की रहने वाली भुरिया बाई बागेरी डबल लॉक गोदाम पर खाद लेने के लिए लाइन में लग रही थी। परिजनों के अनुसार, वह दो दिनों से खाद के इंतजार में लाइन में खड़ी थी। दिनभर लाइन में रहने के बाद वह रात में वहीं आराम कर रही थी। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी। उसे लगातार उल्टियां हुईं। परिजन उसे गुना जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने वहां उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंचे। गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि सूचना मिली कि महिला खाद की लाइन में लगी थी। उसे वॉमिटिंग हुई, जिसके बाद उसे गुना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। परिवार उसकी बॉडी लेकर गांव पहुंच गया है। मैं खुद भी वहां जा रहा हूं। SDM को मौके पर भेज दिया गया है।
मामले पर बमोरी से कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने कहा कि कल रात में मैं खुद बागेरी वितरण केंद्र पर गया था। बड़ी संख्या में किसान वहां लाइन में लगे हुए हैं। भीड़ बहुत हो रही थी। ठंड में खुले आसमान के नीचे किसान रुके हुए हैं। प्रशासन दावा कर रहा है कि पर्याप्त खाद है, तो फिर किसानों को खाद क्यों नहीं मिल रहा है। एक सहरिया महिला की मौत हो गई है। इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा, प्रशासन लेगा या सरकार लेगी? एक तरफ सरकार जन मन की बात कर रही है। एक तरफ सरकार बात करती है कि घर-घर खाद पहुंचाएंगे। और आज इसकी मौत हुई है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा।