भोपाल। रेलवे ट्रेनों के व्यवस्थित संचालन के लिए कई कदम उठाता है। यात्रियों को ट्रेनों से निर्धारित समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने की उम्मीदें रहती हैं। हालांकि कई बार ट्रेन लेट चलने या चेन पुलिंग के कारण अक्सर लेट हो जाती है। मध्य प्रदेश के भोपाल रेल मंडल में पिछले 7 महीने में 3000 से ज्यादा चेन पुलिंग के केस सामने आए हैं। एक बार चेन पुलिंग से ट्रेन 5 से 7 मिनट देरी से चलती है।
वहीं अगर यह घटना दो से तीन बार हो तो ट्रेन 1 घंटे तक लेट हो सकती है। भोपाल में चेन पुलिंग के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दरअसल यात्रियों के सुरक्षा के लिहाज से रेलवे प्रत्येक कोच में इमरजेंसी अलार्म चेन की सुविधा देता है। जनवरी से जुलाई यानी की 6 महीने के अंदर 3300 मामले सामने आए हैं। रेलवे पुलिस ने 2981 यात्रियों को पड़कर कार्रवाई की। उन्हें रेलवे कोर्ट भोपाल मैं पेश किया गया। कोर्ट ने इन पर जुर्माना और सजा सुनाई वहीं 402 मामले में पड़ताल अभी चल रही हैं।
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आरपीएफ ने इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए विशेष चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया है। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अभिषेक के नेतृत्व में विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों को नियमों की जानकारी देने पर काम किया जा रहा है। साथ ही अलार्म चेन के गलत उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वही चेन पुलिंग के पीछे करण की बात करें तो ट्रेन का छूट जाना, डेस्टिनेशन चूकना शामिल है।
वरिष्ठ मंडल आयुक्त अभिषेक ने जानकारी दी की इमरजेंसी अलार्म का उपयोग केवल गंभीर आपात स्थितियों में ट्रेन रोककर यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करना है। किंतु इसके गलत इस्तेमाल से समयबद्ध संचालन और यात्री सुरक्षा पर गंभीर असर डाल रहा है। वहीं रेल अधिनियम की धारा 141 के अनुसार बिना सही कारण चेन पुलिंग के लिए एक वर्ष की सजा, 1000 रुपए जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।