भोपाल। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार ने सड़क निर्माण कार्यों की ठेकेदारी में निविदा अवधि को घटाने का निर्णय लिया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह कहा कि नगरीय निकायों की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय-सीमा में कराने के उद्देश्य से निविदा अवधि में कमी की गई है। इसपर कांग्रेस ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार की स्पीड कई गुना बढ़ाना चाहती है।



पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश की मिस्टर कमीशनराज सरकार वैसे तो अपने भ्रष्टाचार के लिए जगत विख्यात है लेकिन अब उसने भ्रष्टाचार को ही सदाचार घोषित करने का कानूनी तरीका निकाल लिया है। शिवराज सरकार में ठेका कमीशन में कोई दिक्कत ना आए इसके लिए भ्रष्टाचार की रफ्तार तीन गुनी करने का आदेश निकाला गया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रमुख अधोसंरचना योजनाओं में पहले जहां 10 लाख से अधिक की निविदा पर प्रथम आमंत्रण के लिए 30 दिन और द्वितीय आमंत्रण के लिए 15 दिन का समय लगता था अब यह अवधि घटाकर क्रमशः 10 दिन और 7 दिन कर दी गई है।'





कमलनाथ ने आगे लिखा, 'इसका सीधा मतलब है कि शिवराज सरकार न सिर्फ भ्रष्टाचार करना चाहती है बल्कि भ्रष्टाचार की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देना चाहती है ताकि सत्ता के आखिरी एक-डेढ़ महीने में राजकोष को जी भर के लूट सकें। यह आदेश बताता है कि कमीशन राज सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण ही नहीं दे रही बल्कि मिस्टर कमीशन राज खुद ही सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं।'



बता दें कि विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। कांग्रेस के बाद अब स्वयं भाजपा नेता भी ये कहने लगे हैं कि शिवराज सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। कोलारस से भाजपा के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने विकास कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ठेकदार 50% कमीशनखोरी के आरोप लगा रहे हैं। शासकीय कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। इसी बीच निविदा आमंत्रण की अवधि घटाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।