रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिला स्थित मुख्य पोस्ट ऑफिस 28 अगस्त की रात किसी थ्रिलर फिल्म का सेट बन गया था। रात करीब 3 बजकर 23 मिनट पर एक युवक नीले रेनकोट और चेहरे पर कपड़ा बांधकर बाउंड्रीवॉल फांदकर परिसर में घुंस गया। युवक के हाथ में इलेक्ट्रिक ग्राइंडर और कंधे पर बैग था। अगले एक घंटे तक उसने वहां फिल्मी अंदाज में ताले काटे और कैश पेटी से 7 लाख 4 हजार 339 रुपए समेट लिए। पैसे चुराने के बाद तकरीबन 4 बजकर 26 मिनट पर वह दीवार फांदकर बाहर निकला और रात के अंधेरे में गुम हो गया। हालांकि, सीसीटीवी कैमरे में वह कैद हो गया। 

वारदात को अंजाम देने वाला कोई गैंगस्टर नहीं, बल्कि जिले की जावरा तहसील के छोटे से गांव बिनोली का रहने वाला 28 साल का अमृत सिंह सोलंकी था। पुलिस ने जब मामले की जांच कर उसे पकड़ा तक पता चला कि यह नौजवान ओटीटी पर डकैती वाली फिल्में देखकर और यूट्यूब-गूगल पर चोरी की तकनीकें सीखकर अपने आप को एक शातिर चोर समझ बैठा था। जिसके बाद उसने जिले के मुख्य पोस्ट ऑफिस को अपना निशाना बनाया।

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फिल्मों से आया था चोरी का आइडिया
बिनोली गांव का रहने वाला अमृत एक किसान परिवार से है। बीसीए पास कर चुका था लेकिन कोई नौकरी नहीं थी और मां की बीमारी, पत्नी अनीता की खून की कमी और बढ़ते कर्ज ने उसे ये कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। पहले तो उसने आत्महत्या करने की सोची, लेकिन अचानक ओटीटी पर ज्वेल थीफ और मनी हाइस्ट जैसी फिल्में देखीं। और यहीं से उसके दिमाग में चोरी का ख्याल बैठ गया। उसने यूट्यूब पर चोरी के बाद बचने के तरीके, कानूनी सजा कितनी होती है और गूगल पर पुलिस गश्त का टाइम तक सर्च किया था।

तकरीबन तीन महीने तक वह प्लानिं करने के बाद उसने सबसे पहले बैंक में डाका डालने का मन बनाया। लेकिन जब उसने बैंक की रेकी की तब पता चला कि सुरक्षा इतनी मजबूत है कि उसका बच पाना लगभग नामुमकिन है। तब उसने उसी पोस्ट ऑफिस को चुना जहां उसका खुद का खाता था। 1 मार्च 2024 को उसने खाता खोला था और आखिरी बार 23 जुलाई को 500 रुपए निकाले थे। खाते में उस वक्त सिर्फ 454 रुपए थे। अक्सर वहां आना-जाना होने से उसे पता था कि कहां कितनी नकदी रहती है और चौकीदार कब नींद में रहता है।

क्या हुआ था वारदात की रात?
28 अगस्त की रात वह रोज की तरह ही दिन में शहर घूमने निकला। दिन भर घूमने के बाद मेडिकल कॉलेज की तरफ गया और जैसे ही अंधेरा गहराने लगा वैसे ही वह प्लान को अंजाम देने निकल पड़ा। सबसे पहले तो उसने अपनी बाइक बाल चिकित्सालय के पास खड़ी की और पैदल पोस्ट ऑफिस तक पहुंचा। उस वक्त पोस्ट ऑफिस में चौकीदार हरचंद ड्यूटी पर था। लेकिन रात दो बजे के बाद वह पीछे जाकर सो गया था। इसी मौके का फायदा उठाकर अमृत ने बाउंड्रीवॉल फांदी और पोस्ट ऑफिस के अंदर घुस गया।

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पोस्ट ऑफिस में घुसने के बाद सबसे पहले उसने मेन गेट और चैनल गेट के कुल पांच ताले ग्राइंडर से काटे। फिर कोषालय के गेट पर चार ताले काटे लेकिन इतनी मेहनत करने के बावजूद इंटरलॉक नहीं खुल सका। हालांकि, उसने हार नहीं मानी और खिड़की की जाली काटकर भीतर घुस गया। कोषालय की पेटी में कैश मिला तो उसने बैग में भर लिया। लेकिन इस दौरान उसने जो भी हरकत की वह साफ-साफ सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। पोस्ट ऑफिस से बाहर निकलते वक्त उसने सब्बल अंदर ही छोड़ दिया और पैदल रेलवे स्टेशन की ओर निकल पड़ा। स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 तक पहुंचने के बाद उसने ऑटो पकड़ा और वापस बाल चिकित्सालय आया। यहां से बाइक उठाई और रातों-रात गांव की ओर निकल गया।

पुलिस ने खंगाले 1000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे
सुबह जब चौकीदार जागा तब उसने पोस्ट ऑफिस का ताला टूटा पाया और लगभग पौने छह बजे चौकीदार मामले की सूचना अधीक्षक राजेश कुमावत दी। अधीक्षक राजेश कुमावत ने बिना वक्त गंवाए फौरन पुलिस को बुलाया। पुलिस के साथ एफएसएल और डॉग स्क्वाड भी मौके पर पहुंचे। एसपी अमित कुमार, एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया, टीआई स्वराज डाबी और अनुराग यादव भी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे।
 
पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए शहर में लगे 780 सरकारी और 400 से ज्यादा प्राइवेट सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कैमरों के फुटेज से पता चला कि चोर मेडिकल कॉलेज से बंजली होते हुए सेजावता बायपास तक एक ऑटो से गया था। बाद में पुलिस ने उस ऑटो चालक को पकड़ा जिससे ये साफ हुआ कि चोर रतलाम जिले का ही है। इस बीच पुलिस एक और दिलचस्प सुराग मिला। दरअसल चोरी के दौरान अमृत ने नीला रेनकोट पहना था जिसकी पीठ पर तीन चमकदार पट्टियां थी। यही रेनकोट बाद में उसने भंडारे के दिन भी पहना था जो कि सीसीटीवी में कैद हो गया।

रेनकोट ने खोली पोल
जिस दिन पोस्ट ऑफिस में चोरी हुई थी उसके अगले दिन अमृत जावरा की अरनियापीथा मंडी में भंडारे में शामिल हुआ था। पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी चेक किए तो वही बाइक और वही रेनकोट एक बार फिर देखने को मिला। जिसके बाद पुलिस ने शक के बिनाह पर अमृत पर नजर रखनी शुरु की। मुखबिरों और सादी वर्दी में तैनात जवानों ने पुष्टि की और फिर पुलिस ने उसके घर दबिश दी। पहले तो परिवार ने टालमटोल की। लेकिन महिला पुलिस ने पत्नी अनीता सोलंकी की तलाशी ली तो पलंग के नीचे कपड़ों और डिब्बों में बांधकर छिपाए गए नोट बरामद हुए। रुपए तीन जगह रखे थे। उसकी पत्नी और बहन पपीता को भी पुलिस ने आरोपी बनाया।

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मां की बीमारी की वजह से उठाया ये कदम
अमृत ने कबूल किया कि मां की बीमारी और कर्ज से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। उसने बताया कि वह खेती-किसानी से ग्राइंडर कटर चलाना जानता था, इसलिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 7 हजार रुपए का बैटरी वाला ग्राइंडर मंगवाया। साथ ही उसने ये भी बताया कि चोरी का आइडिया उसे फिल्मों से आया और तकनीक यूट्यूब-गूगल से सीखी। पुलिस से उसने कहा कि कोषालय में और भी अलमारी थी जिसमें 50 लाख से ज्यादा रखे थे, लेकिन वह वहां तक नहीं पहुंच सका। कुछ रुपए मिलते ही उसने समझा कि काम हो गया और निकल गया। पुलिस ने अमृत, उसकी पत्नी अनीता और बहन पपीता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस हाई-प्रोफाइल केस को सुलझाने में पुलिस की मेहनत और 72 घंटों से ज्यादा का समय लगा। लेकिन लगातार जांच से रेनकोट का एक सुराग मिला जिससे पूरा केस आसानी से सॉल्व हो गया।