भोपाल। मध्यप्रदेश का कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक की राजस्थान के झालावाड़ में मौत हो गई। मुख़्तार पर विभिन्न थानों में 58 आपराधिक मामले दर्ज थे। तीन दिन पहले मंगलवार रात 2 बजे झालावाड़ के असनावर थाना क्षेत्र के कासखेडली गांव के नजदीक स्थित उजाड नदी पर बने भीमसागर बांध में मछली पकड़ने के ठेके को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया।
मुख्तार मलिक बांध में मछली पकड़ने के ठेके की हिस्सेदारी इरशाद नाम के व्यक्ति बेच चुका था लेकिन मुख्तार का सहयोगी बंटी इस समझौते पर तैयार नहीं था जिसे लेकर मुख्तार और बंटी के बीच खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें मुख्तार गैंग से जुड़े भोपाल निवासी कमल की गोली लगने से मौत हो गई। मुख्तार मलिक और विक्की वाहिद मौके से भाग निकले। शुक्रवार सुबह भीमसागर क्षेत्र के ग्रामीणों ने एक व्यक्ति के घायल अवस्था में तड़पने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस से मुख्तार को झालावाड़ अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

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शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौत के सही कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा लेकिन ऐसा लगता है कि 'जब वह भाग रहा था तो भीषण गर्मी और उच्च तापमान के कारण डिहाइड्रेशन से मौत हुई है। उसके शरीर पर गोली लगने की कोई चोट नहीं है। उसके पैर में एक पुरानी चोट है। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।'
मुख्तार मलिक मध्यप्रदेश का कुख्यात बदमाश था। मुख्तार भोपाल के पास रायसेन का रहने वाला था और 1982 से अपराधों में लिप्त था।मुख्तार पर हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, अपहरण और अड़ी बाजी समेत 58 मामले भोपाल और आस पास के जिलों में दर्ज थे। 90 के दशक में अपराध जगत में मुख्तार मलिक गैंग और मुजफ्फर हुसैन उर्फ मुन्ने पेंटर गैंग की लड़ाई के चर्चे भोपाल में प्रसिद्ध थे। 1996 में भोपाल जिला अदालत परिसर में हुए गोलीकांड में मुख्तार मलिक का नाम सामने आया था जिसमें सलीम बुचा, सलीम बाबा, उमर की मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 2006-07  में मुख्तार मलिक को फांसी की सजा सुनाई थी हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था।