भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने दिग्विजय सिंह से मुलाकात करने की बजाय उनके घर पर पुलिस बल तैनात करवा दिया है। दिग्विजय सिंह के घर के बाहर दर्जनों पुलिसकर्मी, उनकी बख्तरबंद बसें और गाड़ियां लगा दी गयी हैं ताकि वो घर से बाहर न निकल सकें। यही नहीं, सरकार ने मुख्यमंत्री आवास की तरफ जानेवाले सभी रास्तों, पॉलिटेक्निक चौराहा, जवाहर चौक, मालवीय नगर, राज्य संग्रहालय, दूरदर्शन रोड पर भी पुलिस की भारी तैनाती की है। इतनी बड़ी कार्रवाई की वजह बनी है एक छोटी सी मुलाकात।
कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से विस्थापितों की समस्या को लेकर मुलाक़ात के लिए समय चाहते हैं। उनका दावा है कि इसके लिए वो सीएम को दो बार पत्र और कई बार फोन कर चुके हैं। तीन चार दिन पहले उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सीएम नहीं मिलेंगे तो वो सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। इसके बाद आज यानी 21 जनवरी के लिए उन्हें समय दिया गया मगर बारह घंटे के भीतर ही उसे कैंसिल कर दिया गया।
शिवराज चौहान के इस व्यवहार से आहत दिग्विजय सिंह ने उनके घर के बाहर पीड़ितों के साथ धरना देने का ऐलान कर दिया। दिग्विजय सिंह का कहना है कि या तो सीएम किसानों की पीड़ा सुनें या वो उनके घर के सामने मुलाकात के लिए बैठे रहेंगे। लेकिन यह मौका आए उससे पहले ही शुक्रवार सुबह सरकार ने उनके घर के बाहर पुलिस तैनात करा दी।
दिग्विजय सिंह ने गुरूवार को कहा था कि, 'अब मैं तो उनके घर के सामने धरने पर कल सुबह 11 बजे बैठूंगा। नहीं मिलेंगे तो मुझे ऐतराज नहीं मैं वहीं बैठूंगा गिरफ्तार करना है गिरफ्तार कर लीजिए।' उन्होंने यह भी कहा है कि कल सीएम से मिले बिना मैं घर नहीं लौटूंगा।
मामला जिस पर गर्म हुई सियासत
दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों अपनी जन जागरण यात्रा के दौरान भोपाल, राजगढ़, विदिशा और गुना जिले में टेम, पार्वती और सुठालिया सिंचाई परियोजनाओं के अंतर्गत डूब में आ रहे किसानों और पीड़ितों से मुलाकात की थी। इलाके के हजारों परिवारों की समस्या देख उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इसके समाधान का आश्वासन दिया। पीड़ितों की इन समस्याओं को लेकर दिग्विजय सिंह ने पहले दो बार सरकार को चिट्ठी लिखी। फिर सुनवायी न होने पर किसानों के साथ धरने पर बैठने का अल्टीमेटम दे दिया।
19 जनवरी की रात पौने ग्यारह बजे फोनकर उन्हें 21 जनवरी के लिए मुलाकात का समय निर्धारित किया गया। लेकिन 20 जनवरी की सुबह दिग्विजय सिंह को फिर बताया गया कि मुख्यमंत्री व्यस्त हैं, इसलिए वे आपसे मुलाकात नहीं कर सकते हैं। सीएम के इस बर्ताव पर दिग्विजय सिंह ने आपत्ति जताई और ऐलान कर दिया कि नियत समय पर वे सीएम हॉउस पहुंच जाएंगे। जो कि पहले सुबह 11.30 बजे का बताया गया था।
यह अजीब बात है कि राज्य में एक छोटी सी मुलाकात का मुद्दा इतनी बड़ी सियासत का रूप ले लिया कि शासन को पुलिस की तैनाती करनी पड़ी। अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अगर एक पूर्व सीएम के साथ सरकार का यह रवैय्या है तो आम जनता के मुद्दों को लेकर सरकार कितनी संवेदनशील होगी। किसानों और विस्थापितों के मुद्दों पर मुख्यमंत्री का उदासीन रवैय्या हैरान करनेवाला है।