भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 साल की मासूम बच्ची से रेप और मर्डर के दोषी अतुल निहाले को ट्रिपल फांसी की सजा सुनाई गई है। साथ ही उसकी मां बसंती निहाले और बहन चंचल भालसे को भी 2-2 वर्ष की सजा मिली है। नए BNS कानून के तहत मध्य प्रदेश में यह पहला मामला है जब किसी को दोषी को 3 अलग-अलग धाराओं में फांसी की सजा सुनाई गई है।
इसके अलावा दोषी अतुल को 2 धाराओं में उम्रकैद और 2 धाराओं में 7-7 साल की सजा भी मिली है। विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने अपने फैसले में लिखा है कि यह प्रकरण दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है। अगर हम बच्चों को ऐसा समाज नहीं दे सकते हैं जिसमें वह अपने ही आंगन, घर, स्कूल में खेल सकें तो फिर सभ्य समाज की परिकल्पना कैसे की जा सकती है। यदि मृत्युदंड से भी कोई बड़ी सजा होती तो अभियुक्त उसका पात्र है।
यह घटना 24 सितंबर 2024 को शाहजहांनाबाद इलाके में हुई थी। 5 महीने 24 दिन बाद 18 मार्च 2025 को कोर्ट ने फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने अपने फैसले में लिखा है कि अभियुक्त अतुल निहाले ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर चाकू से वार किए। विरोध करने पर शरीर के अन्य अंगों पर चाकू मारकर हत्या कर दी।
उन्होंने फैसले में आगे लिखा कि वह अबोध बच्ची से हिंसा, बलात्कार, हत्या के बाद भी किसी तरह से विचलित नहीं हुआ। उसने सुनियोजित तरीके से शव काे ठिकाने लगाने का प्रयास किया। यह उसकी धूर्तता और चालाकी को दर्शाता है। खून पोंछने के बाद मासूम के पैरों को बांधा गया। शव को पोटली में लपेटकर बाथरूम पर रखी प्लास्टिक की टंकी में छिपा दिया। इसके बाद पुलिस के साथ बच्ची को ढूंढने का प्रयास किया गया। यह कृत्य दर्शाता है कि उसने पूरे होश-ओ-हवास में अपने कुकृत्य को अंजाम दिया।
कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि अभियुक्त अत्यंत क्रूर, निर्मम, घोर, परपीड़क (सैडिस्ट) और पाशविक स्वरूप का है। यह प्रकरण दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है। जहां अन्य सजा का सवाल नि:संदेह समाप्त हो जाता है। अगर किसी मामले में मौत की सजा दी जानी चाहिए तो वह यही मामला है। इस प्रकरण में 5 वर्ष की बच्ची को जिस तरह से तड़पा कर, बलात्कार कर हत्या की है। यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आएगा तो सोच से परे है।
कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाकर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। अपराधी को 3 प्रकरणों के आधार पर 3 बार फांसी की सजा मिली है, जो भविष्य में अपराध करने वालों के लिए मिसाल बनेगी। राज्य सरकार किसी भी अपराधी को छोड़ने वाली नहीं है। जघन्य अपराध की व्यापक विवेचना के लिए राज्य सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। प्रकरण में न केवल अपराधी को पकड़ा गया अपितु तत्परतापूर्वक चालान पेश करवाया गया। यह फांसी की सजा सभी अपराधियों को सबक है।