सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले में आपदा को अवसर में बदलने का एक मामला सामने आया है। कोरोना के संक्रमण काल में जहां साफ सफाई को लेकर आएदिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक जागरूक के नए नए नियम बना रहे हैं, वहीं लालच के बाज़ार में इन दिशा निर्देशों को बेशर्मी के पानी में धोकर जनता के विश्वास से धोखा किया जा रहा है। एमपी के बड़खेड़ा स्थित बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट में सिंगल यूज्ड पीपीई किट को गर्म पानी में धोकर बंडल बनाये जा रहे हैं। इन्हें कबाड़ियों के माध्यम से सतना और भोपाल के खुले बाजारों में बेचा जा रहा है। 



 





वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पीपीई किट और ग्लव्स को एक टब में गर्म पानी में डालने के बाद धोकर सुखाया जा रहा है। इसके बाद प्लांट के अंदर काम कर रहे मजदूर बंडल तैयार करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद यह हूबहू नए बंडल की तरह दिखने लगता है। वीडियो वायरल होने के बाद अब जिला प्रशासन जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहा है।



बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट के रखरखाव और देखरेख की ​जिम्मेदारी प्रदूषण विभाग, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की होती है, लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि  किसी भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कभी भी मौके पर नहीं जाते। ऐसे में बायो वेस्ट एजेंसी मनमाने तरीके से काम कर रही है।



विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्तर से जारी गाइडलाइन में काफी पहले ही स्पष्ट किया गया है कि एक बार इस्तेमाल पीपीई किट का यूज़ दोबारा नहीं किया जा सकता। गाइडलाइन के मुताबिक पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क को एक बार ही इस्तेमाल किया जाना है। इन्हें सार्वजनिक स्थल पर नहीं फेंक जाना है। इन्हें वैज्ञानिक तरीके से बायोवेस्ट डिस्पोजल प्लांट में नष्ट कराने का प्रावधान है। लेकिन सतना में नियमों को ताक में रखते हुए लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।