नई दिल्ली/भोपाल। SC/ST एक्ट मामले में गिरफ्तार व्यापम घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ आनंद राय को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार के विरोध के बावजूद डॉ आनंद राय को जमानत दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आनंद राय का सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक भी आपराधिक इतिहास रहा है। वो न्याय की प्रक्रिया से भाग सकते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वहीं आनंद राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पैरवी की। आनंद राय की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर, 13 जनवरी तक जवाब मांगा था। CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने ये नोटिस जारी किया था।

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सुनवाई के दौरान आनंद राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया था। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ता ये हर संभव अवसर पर बदला लेने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि उन्होंने घोटाले को उजागर किया था। याचिकाकर्ता कानून का पालन करने वाला नागरिक है और न तो किसी के संबंध में किसी न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया है। उनका पूरा पिछला रिकॉर्ड बेदाग है। ये मामले राजनीतिक बदले की भावना से शुरू किए गए हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की थी और कहा था अपराध की गंभीरता और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके बड़े प्रभाव को देखते हुए जमानत ना दी जाए। सरकारी वकील ने कहा कि आनंद राय का आपराधिक इतिहास रहा है।।वो न्याय की प्रक्रिया से भाग सकते हैं। अब तक उसके नाम पर 7 FIR दर्ज की जा चुकी है। याचिकाकर्ता द्वारा 'व्यापम घोटाले का खुलासा करने का बदला लेने की बात झूठी है, क्योंकि व्यापम 2008 में प्रकाश में आया। जबकि साल 1999, 2000 और 2004 में चार FIR दर्ज होने का पता चला है। इसपर कपिल सिब्बल ने कहा कि इन चारों मामलों में वो बरी हो चुके हैं।

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सरकारी वकील ने दावा किया कि आनंद राय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने से हुई हिंसा पर पुख्ता सबूत हैं। इनके कारण ही राज्य में शांति व्यवस्था बिगड़ी और अफसरों पर हमला हुआ। हालांकि, दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बैंच ने ट्रायल कोर्ट की नियम-शर्तों के आधार पर जमानत दी है। 

पिछले साल 15 नवंबर 2022 को उनको गिरफ्तार किया गया था। तभी से वो जेल में हैं। 12 दिसंबर 2022 को मध्य प्रदेश की इंदौर बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आनंद राय पर आरोप है कि रतलाम में बिरसा मुंडा जयंती समारोह से लौटते समय सांसद डामोर, विधायक और कलेक्टर के काफिले में पीछे थे। उन्हें जयस संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने रोका और पथराव किया। इस वजह से कलेक्टर के गनमैन को चोटें आई थी। आनंद राय पर ही इसका आरोप मढ़ा गया है।