मध्य प्रदेश में होगा शरद यादव का अंतिम संस्कार, राहुल गांधी ने उनकी बेटी को गले लगाकर बंधाया ढांढस

शरद यादव का जन्म 1 जुलाई, 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में हुआ था। वह पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए थे।

Updated: Jan 13, 2023, 12:18 PM IST

नई दिल्ली। देश के कद्दावर समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय शरद यादव का गुरुवार शाम को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्‍हें फोर्टिस अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। शरद यादव का जन्‍म 1 जुलाई 1947 को मध्‍य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई तहसील अंतर्गत अखमाउ गांव में हुआ था। पैतृक गांव में ही कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शरद यादव का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली स्थित उनके आवास 5 A वेस्टेंड, छतरपुर फार्म, नई दिल्ली में रखा गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी उन्हें श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे थे। इस दौरान राहुल ने उनकी बेटी सुभाषिनी यादव को गले लगाकर ढांढस बढ़ाया। शरद यादव की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश में उनके पैतृक गांव में ही हो। ऐसे में कल हवाई जहाज से उनका पार्थिव देह भोपाल लाया जाएगा। इसके बाद सड़क मार्ग से आंखमऊ तक लाया जाएगा। शरद यादव की अंत्येष्टि उनके पैतृक गांव आंखमऊ में ही की जाएगी। 

शरद यादव का जन्‍म भले ही मध्‍य प्रदेश में हुआ लेकिन राजनेता के तौर पर वे बिहार की सियासत से सबसे ज्‍यादा जुड़े रहे। वह उत्तर प्रदेश से भी सांसद रहे हैं। मध्य प्रदेश के सभी बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'आदरणीय शरद यादव जी ने अपना संपूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा में व्यतीत किया। वे अपने कार्यों एवं विचारों के रूप में सदैव आमजन के हृदय में जीवित रहेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति ।।'

पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि शरद यादव एक नेकदिल इंसान थे। सिंह ने ट्वीट किया, 'प्रखर समाजवादी नेता शरद यादव जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। वे संवेदनशील जननेता व नेकदिल इंसान थे। उनका सारा जीवन जनता की भलाई के लिए गया। मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ खड़ा हूँ। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। विनम्र श्रद्धांजलि, ॐ शांति।'

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने लिखा कि, 'समाजवादी आंदोलन के पुरोधा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सार्वजनिक जीवन में मेरे साथी रहे श्री शरद यादव का निधन सामाजिक न्याय के युद्ध की अपूरणीय क्षति है। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूँ। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।'

केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष श्री शरद यादव जी के निधन का पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिजनों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दें। ॐ शान्ति।।'

छात्र जीवन से ही सियासत में उनकी खास रुचि रही। मध्‍य प्रदेश के जबलपुर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले शरद यादव ने डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर कई आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। जेपी आंदोलन से भी उनका जुड़ाव रहा। साल 1974 में वे पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। वह मध्य प्रदेश के जबलपुर से दो बार सांसद चुने गए। उन्होंने चार बार बिहार की मधेपुरा सीट का भी प्रतिनिधित्‍व किया। यूपी के बदायूं से भी वे एक बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। उच्‍च सदन यानी राज्‍यसभा के भी वे तीन बार सदस्‍य रहे।

75 साल के शरद यादव को किडनी की समस्या थी और वह काफी समय से डायलिसिस पर थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट से मिली जानकारी के मुताबिक शरद यादव को अचेत अवस्था में ही लाया गया था। उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया गया. लेकिन जांच में उनकी न नाड़ी चलती मिली न ही ब्लड सर्कुलेशन हो रहा था। फिर 10.19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।