भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संगीत सम्राट तानसेन (श्री रामतनु पाण्डे जी) की जन्म एवं साधना स्थली बेहट, जिला ग्वालियर के संरक्षण, विकास एवं अतिक्रमण-मुक्त किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को विस्तृत पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।

सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि तानसेन की जन्मस्थली ध्रुपद परंपरा की वैश्विक धरोहर है, परंतु संरक्षण के अभाव में यह स्थान लगातार अतिक्रमण और उपेक्षा का शिकार हो रहा है, जिससे संगीतप्रेमियों एवं नवोदित कलाकारों की भावनाएँ आहत हो रही हैं।

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उन्होंने बताया कि इस विषय पर उन्होंने दिसंबर 2024 में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर स्थल को अतिक्रमण-मुक्त करने एवं राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित घोषित करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही 13 फरवरी 2025 को राज्यसभा में तारांकित प्रश्न क्रमांक 94 के माध्यम से भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। राज्यसभा में प्राप्त उत्तर के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा तानसेन की जन्मस्थली के संरक्षण एवं विकास संबंधी कोई प्रस्ताव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) या मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग को नहीं भेजा गया है।

दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तानसेन की जन्मस्थली बेहट को संरक्षित व विकसित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा एएसआई को औपचारिक प्रस्ताव भेजा जाए, तथा राज्य स्तर पर भी इस अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाए जाएँ। उन्होंने कहा कि तानसेन की धरोहर केवल ग्वालियर या मध्यप्रदेश की नहीं, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की वैश्विक पहचान है और इसका संरक्षण सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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