थाईलैंड और कंबोडिया में फिर छिड़ी जंग, डेढ़ महीने पहले ही ट्रंप ने कराया था सीजफायर
थाईलैंड ने कंबोडिया में कथित सैन्य बेस पर F-16 से एयरस्ट्राइक किया। इसमें एक थाई सैनिक मारा गया। हालांकि, कंबोडिया ने आरोपों से इनकार कर दिया है। दोनों देशों के बीच ये विवाद सालों पुराना है।
कंबोडिया। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। सोमवार सुबह थाई वायुसेना ने कंबोडिया की सीमा के भीतर मौजूद एक कैसीनो परिसर पर F-16 फाइटर जेट से हवाई हमला कर दिया। थाई सेना का आरोप है कि यह परिसर बीते कुछ समय से कंबोडियाई सैनिकों का बेस बन चुका था जहां भारी हथियार, ड्रोन और सैन्य सामग्री जमा की जा रही थी। थाई सैन्य अधिकारियों का कहना है कि कंबोडिया की ओर से नई जगहों पर सैनिक तैनात करने के बाद उसे यह कार्रवाई करनी पड़ी।
हमले के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई। इस दौरान थाई सेना का एक जवान मारा गया जबकि आठ सैनिकों के घायल होने की पुष्टि की गई है। घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ महीने पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी में दोनों देशों ने शांति समझौता किया था। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच पांच दिनों तक चली झड़प में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
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दूसरी तरफ कंबोडिया ने थाई आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उसने किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं की और वह सभी मतभेदों को बातचीत से सुलझाने का पक्षधर है। कंबोडियाई सरकार का आरोप है कि थाई सेना लगातार उकसावे वाली हरकतें कर रही है।
फायरिंग की वजह से सीमा के पास बसे कई गांवों से लोग घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में जाने लगे हैं। थाई सरकार का दावा है कि उसने करीब 70 प्रतिशत नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। इसी दौरान एक नागरिक की मौत भी हो गई। हालांकि, प्रशासन ने इसे बीमारी से हुई मौत बताया है। तीन नागरिक थाई फायरिंग में घायल हुए हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
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इस बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बार-बार बढ़ती झड़पों पर चिंता जताते हुए कहा कि यह संघर्ष दोनों देशों के बीच हालिया समय में हुए भरोसे को फिर से कमजोर कर सकता है। थाईलैंड और कंबोडिया का यह विवाद बेहद पुराना है। जिसकी जड़ें प्रीह विहियर और ता मुएन थॉम जैसे प्राचीन मंदिरों से जुड़ी हैं। दोनों मंदिर सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं और आसपास की जमीन पर दोनों देशों का दावा है।
साल 1907 में फ्रांस के अधीन कंबोडिया और स्वतंत्र थाईलैंड के बीच 817 किलोमीटर की सीमा रेखा तय की गई थी। थाईलैंड ने इसका विरोध किया क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था। ता मुएन थॉम मंदिर थाईलैंड की तरफ चला गया लेकिन कंबोडिया इसे अपने प्राचीन खमेर साम्राज्य का अंग बताता है।
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साल 1959 में विवाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पहुंचा और 1962 में फैसला आया कि प्रीह विहियर मंदिर कंबोडिया का है। थाईलैंड ने अदालत का फैसला स्वीकार किया। हालांकि, आसपास की जमीन पर दावा आज भी जारी है। साल 2008 में यूनेस्को ने प्रीह विहियर को विश्व विरासत घोषित कर दिया था। जिसके बाद तनाव फिर बढ़ गया। 2011 में झड़पें इतनी तगड़ी हुई कि हजारों लोग घर छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। 2013 में अदालत ने अपने पुराने आदेश को स्पष्ट करते हुए मंदिर के आसपास के पूरे इलाके को भी कंबोडिया का बता दिया।
ता मुएन थॉम मंदिर पर संघर्ष नया नहीं है। यह मंदिर सीमा के उस हिस्से में आता है जो आज भी स्पष्ट रूप से चिन्हित नहीं है। यह स्थल भौगोलिक रूप से थाईलैंड की ओर होने के बावजूद कंबोडिया इसे ऐतिहासिक खमेर साम्राज्य की विरासत कहकर अपना बताता है। थाईलैंड का तर्क है कि मंदिर का ऐतिहासिक संबंध चाहे किसी से रहा हो लेकिन वर्तमान में आसपास की भूमि पर उसका अधिकार है।
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बीते 28 मई को एमरॉल्ड ट्राइऐंगल क्षेत्र में दोनों सेनाओं की भिड़ंत हुई थी जहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं। उस झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था। कंबोडियाई सेना ने आरोप लगाया था कि थाई सैनिकों ने ता मुएन थॉम मंदिर के चारों ओर कंटीले तार लगा दिए और बाद में ड्रोन उड़ाने तथा हवाई फायरिंग कर तनाव बढ़ाया। थाई पक्ष का कहना था कि पहले गोलीबारी कंबोडियाई सैनिकों ने शुरू की थी।
हाल के विवादों ने थाईलैंड की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित किया है। जून में थाई पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से बातचीत में थाई सेना के कमांडर की आलोचना की थी। जिसका लीक होना विवाद का बड़ा कारण बन गया था। भारी विरोध के बाद अदालत ने पीएम को पद से हटा दिया था। सीमा विवाद पर समय-समय पर हुई शांति पहल और समझौते तमाम प्रयासों के बावजूद टिक नहीं पा रहे हैं। अभी हालात ऐसे हैं कि दोनों देशों की सेनाएं मंदिरों के आसपास लगातार गश्त कर रही हैं और छोटे-छोटे तनाव कभी भी बड़ी झड़प का रूप ले लेते हैं।
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