MP: यूरिया संकट से भड़का किसानों का गुस्सा, खजुराहो-झांसी हाईवे को किया जाम

मध्यप्रदेश में यूरिया खाद की कमी से किसानों ने बमीठा में झांसी–खजुराहो हाईवे और कई तहसीलों में चक्काजाम कर दिया। CM मोहन यादव उस वक्त वहीं मौजूद थे।

Updated: Dec 08, 2025, 04:13 PM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश में यूरिया खाद की कमी को लेकर किसानों का आक्रोश खुलकर सामने आ गया है। छतरपुर जिले के बमीठा के पास किसानों ने झांसी-खजुराहो नेशनल हाइवे को जाम कर दिया है। आरोप है कि समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं कराए जाने से बोवनी और फसलों पर असर पड़ रहा है। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और वितरण व्यवस्था सुधारने में जुट गई। खास बात यह है कि जिस समय यह विरोध प्रदर्शन हुआ उसी वक्त राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खजुराहो में मौजूद हैं जिससे स्थानीय प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

यूरिया संकट सिर्फ बमीठा तक सीमित नहीं है। टीकमगढ़ जिले के खरगापुर, बल्देवगढ़ और पलेरा में भी किसानों ने तहसील कार्यालयों के सामने चक्का जाम कर दिया। खरगापुर में किसानों ने तहसील भवन में ताला जड़ दिया है। वहीं, बल्देवगढ़ में तहसीलदार अनिल गुप्ता के कथित बयान ने गुस्सा और भड़का दिया है। उन्होंने कहा था कि जितनी खाद है, उतनी ही मिलेगी। जाम लगाना हो तो लगाओ। इसके बाद किसानों ने सड़क रोककर नारेबाजी शुरू कर दी। जिसकी वजह से मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात करना पड़ा।

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छतरपुर प्रशासन के अनुसार जिले में हाल ही में खाद की सप्लाई बढ़ाई गई थी। तीन दिन पहले यूरिया की खेप जिले में पहुंची थी और कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने अधिकारियों को पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में देर रात 2043 मीट्रिक टन यूरिया खाद की रैक छतरपुर आई थी। जिला प्रशासन ने दावा किया था कि किसानों को डबल लॉक केंद्रों के जरिए नियमित वितरण किया जा रहा है और दो और रैक जल्द आने वाली हैं।

छतरपुर मंडी परिसर के डबल लॉक प्वाइंट से खाद की सप्लाई की जा रही थी। इसमें छतपर केंद्र पर 380 मीट्रिक टन, बमीठा में 250, लवकुशनगर में 250, हरपालपुर में 130, बिजावर में 230, एमपी एग्रो छतरपुर में 90 और बड़ामलहरा में 200 मीट्रिक टन यूरिया भेजा गया। इसके बावजूद किसानों को खाद न मिल पाने से सप्लाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। किसानों का कहना है कि डेटा और रिकॉर्ड में खाद उपलब्ध बताई जाती है लेकिन वितरण केंद्रों पर पहुंचने पर कहा जाता है कि स्टॉक खत्म है।

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फसलों के लिए जरूरी समय में यूरिया की कमी ने किसानों को सड़क पर उतरने पर मजबूर कर दिया है। बुवाई की स्थिति को देखते हुए यदि जल्द आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो विवाद और व्यापक स्तर पर फैलने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन फिलहाल किसानों को समझाने और वितरण को दुरुस्त करने की कोशिश में जुटी है।