भोपाल। मध्यप्रदेश में दो दिन से मौसम बदला हुआ है। सोमवार शाम को भोपाल में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, विदिशा और छिंदवाड़ा सहित कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे। 

मंदसौर शहर समेत मल्हारगढ़, पिपलिया मंडी, बोतल गंज, सीतामऊ क्षेत्रों में जमकर ओलावृष्टि हुई। पिपलिया मंडी और मल्हारगढ़ में तो हाईवे पर ओलों की चादर सी बिछ गई। भारी बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि और बारिश से संतरा, लहसुन गेंहू सहित कई फसलों के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। 

मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 9 मार्च तक मौसम ऐसा ही रहेगा। इसके बाद ही मौसम में बदलाव होगा और तेज गर्मी पड़ेगी। प्रदेश के 20 जिलों में बारिश होने के आसार हैं। इनमें भोपाल, रायसेन, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर दतिया, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले शामिल हैं। हवा की रफ्तार 18 किमी प्रतिघंटा रहेगी। वहीं, दिन और रात के तापमान में भी गिरावट होगी।

किसानों का अनुमान है कि इससे अफीम, गेहूं, संतरे सहित कई फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिले के मौसम में बदलाव का असर देखा जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है।

रविवार-सोमवार की दरमियानी रात में जिले के कई क्षेत्रों बारिश हुई। सोमवार सुबह भी बारिश का दौर जारी था। मावठा किसानों के लिए चिंता खड़ी कर रहा है। अन्य फसलों के अलावा अफीम के लिए मावठा नुकसानदायक साबित होगा।