मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी परिवार मृत्‍यु के बाद महिला सदस्य का शव नदी में प्रवाहित करने को मजबूर हुआ। बताया जा रहा है कि पैसों की तंगी के कारण परिवार अंतिम संस्कार करने में असमर्थ था। उन्होंने नगरपालिका से मदद भी मांगी पर कोई मदद न मिलने के बाद उन्होंने शव को ठेले पर लादकर सोन नदी तक ले गए और उसे नदी में प्रवाहित कर दिया। इस संवेदनशील मामले पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बता कर दोषियों पर करवाई करने की मांग की है।



प्राप्‍त जानकारी के अनुसार  सीधी जिले के कोटहा निवासी कोल परिवार की दुआसिया लंबे समय से बीमार थी। 28 जून को 62 वर्षीय दुआसिया ने घर में अचानक दम तोड़ दिया। परिजन आर्थिक तंगी की वजह से दुआसिया का हिन्दू रीति-रिवाज से दाह-संस्कार करने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में परिजनों को नगर निगम से ही आखिरी उम्मीद थी परंतु निगम ने रविवार होने के कारण उन्हें दफ्तर बंद होने का हवाला दिया। इसके बाद परिजनों ने शव को ठेले पर रखकर जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित सोन नदी तक ले गए और वहीं प्रवाहित कर दिया।



 





मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज जब विपक्ष में थे तो गरीबों के अंतिम संस्कार को लेकर खूब दावे करते थे और कांग्रेस को खूब झूठा कोसते थे। आज जब आप सत्ता में है तो अपनी सरकार की सच्चाई जान लें। मृत्यु होने पर परिवार को मांगने पर न तो शव वाहन मिला और ना हीं अंतिम संस्कार के लिये आर्थिक मदद। मजबूरी में परिवार ने शव को ठेले पर ले जाकर नदी में बहा दिया।





 



कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सरकार की अंतिम संस्कार योजना पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि कहां गयी आपकी अंतिम संस्कार की योजना? मानवता को शर्मसार करने वाली इस ह्रदय विदारक घटना पर तत्काल दोषियों पर कड़ी करवाई हो और परिवार की हर संभव मदद हो।