उज्जैन। बीते दिनों क्षिप्रा में हुए धमाकों का असर शनिवचरी अमावस्या पर भी देखने को मिला। अमावस्या स्नान के लिए लोगों को नदी में नहीं उतरने दिया गया। शनिचरी अमावस्या के मौके पर लोगों ने इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी घाट पर स्नान किया। क्षिप्रा के घाटों पर कम पानी और सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने घाटों पर ही फव्वारों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु इसी में स्नान करते नजर आए। भक्तों के नदी में उतरने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। वहीं नए वीआईपी घाट में पिछले दिनों हुए विस्फोटों की वजह से बैरिकेड्स लगाकर श्रद्धालुओं के आने-जाने पर रोक लगा दी है।

दरअसल क्षिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट इलाके में हो रहे धमाकों की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यह जांच जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की गई है। इसकी लैब रिपोर्ट में PFM मीथेन और इथेन जैसी गैसों की संभावना जताई जा रही है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का कहना है कि नदी में दो तरह की गैसें मीथेन और इथेन गैस हो सकती हैं। हो सकत है इसी वजह से धमाके हो रहे हों। एक अनुमान यह भी जताया जा रहा है कि मंदिर का अपशिष्ट एक जगह इकट्ठा होने की वजह से भी इस तरह की घटना संभव है।

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जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट के बाद अब कलेक्टर ने ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) की टीम को जांच के लिए बुलाया है। अप स्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में पानी स्थिर और जमा हुआ है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का कहना है कि नदी में किसी भी तरह का अपशिष्ट फेंकने पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए। ऑयल एंड नेचरल गैस कॉर्पोरेशन की टीम देहरादून से उज्जैन आ रही है। इससे पहले उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने शनिचरी अमावस्या पर विस्फोट वाले स्थानों पर नदी में जाने पर रोक लगा दी थी।