भोपाल। हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद ने मंदिरों को सरकारी कब्जे से छुड़ाने की मांग की है। वीएचपी की मांग है कि मंदिरों का पैसा हिंदुओं पर ही खर्च किया जाना चाहिए। अपनी इस मांग को पूरा करवाने के लिए वीएचपी ने जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है। वीएचपी ने कहा है कि वह मंदिरों को सरकारी कब्जे से छुड़ाने के लिए अदालत तक चली जाएगी। 

इसका एलान वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने भोपाल में किया। वीएचपी के पदाधिकारी ने कहा कि हिंदू मंदिरों का संचालन पूर्ण रूप से हिंदुओं को ही करना चाहिए। इसके लिए मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त किया जाना चाहिए। वीएचपी के पदाधिकारी ने कहा कि मंदिर की संपत्ति से लेकर किए गए दान तक का पैसा सिर्फ हिंदुओं पर खर्च होना चाहिए। 

वीएचपी नेता ने कहा कि हम अपने इस लक्ष्य में सफलता हासिल करने के लिए एक व्यापक जागरुकता अभियान चलाएंगे। इसके साथ ही वीएचपी नेता ने कोर्ट का रुख करने की बात भी कही। 

इससे पहले बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा भी ऐसी ही विवादित बयानबाजी कर चुकी हैं। साध्वी प्रज्ञा ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से छुड़वाने की अपनी मांग की आड़ में एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत का ज़हर उगला था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि सरकारी नियंत्रण में होने के कारण मंदिरों और मठों का पैसा विधर्मियों पर खर्च होता है। बल्कि इसे सिर्फ हिंदुओं के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए।