अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से शुरू हो गया है। गुजरात में 64 साल बाद पार्टी यह कार्यक्रम कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। कांग्रेस इस दो दिवसीय अधिवेशन में संगठन सृजन और जवाबदेही पर जोर देने के साथ ही पार्टी के सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने और आगामी विधानसभा चुनावों रूपरेखा तय करेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी सुबह करीब 10.30 बजे अहमदाबाद पहुंचें। दोनों नेता कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद शाम को साबरमती आश्रम जाएंगे। कांग्रेस अधिवेशन की शुरुआत कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के साथ हुई है। यह बैठक सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में हो रही है। इसमें CWC के सदस्यों के साथ-साथ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं।

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9 अप्रैल को मुख्य अधिवेशन होगा, जिसमें देशभर से 1700 से अधिक कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह कार्यक्रम साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा। यहां VVIP डोम बनाया गया है। इस अधिवेशन की थीम है, ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष।’ अधिवेशन में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, पी चिदंबरम, कमलनाथ, अशोक गहलोत जैसे सीनियर लीडर मौजूद हैं।

अधिवेशन को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ये अधिवेशन गुजरात में होना ही एक संदेश है। सरदार पटेल जी की जयंती को 150 साल हो रहे हैं और एक्सटेंडेड वर्किंग कमेटी की बैठक का सरदार पटेल स्मारक में होना एक अलग सा महत्व रखता है। सरदार पटेल जी का कांग्रेस, महात्मा गांधी जी और जवाहरलाल नेहरू जी के बीच में एक अटूट रिश्ता था। आधुनिक भारत बनाने में जवाहरलाल नेहरू जी और सरदार पटेल जी दोनों का योगदान था। ये दोनों लोग कांग्रेस के सिपाही थे और महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में काम करते थे।

जयराम रमेश ने आगे कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है, संविधान पर आक्रमण हो रहा है। संविधान हमें सामाजिक न्याय, राजनीतिक न्याय और आर्थिक न्याय का रास्ता दिखाता है। ये न्याय हर नागरिक को मिले, ये न्याय पथ के मायने हैं। वहीं, कांग्रेस मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि आज पूरे देश में उदासी का माहौल है और अंधेरा छाया हुआ है। स्टॉक मार्केट, महंगाई, बेरोजगारी के हालात देखिए।दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के अन्याय हो रहा है। ये सब आप देखेंगे तो समझ आएगा कि कांग्रेस ने गुजरात की धरती पर आने का निर्णय क्यों लिया।

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि हम फिर यहां से ऊर्जा लेकर इन चुनौतियों को स्वीकार करेंगे। जब भी ऐसा माहौल आया है कांग्रेस ने सही कदम उठाए हैं। आजादी के आंदोलन में भी गुजरात ने ही दिशा दी थी। अब भी पूरा देश कांग्रेस की ओर उम्मीद की निगाहों से देख रहा है, जनता को भरोसा है कि कांग्रेस ही रास्ता दिखाएगी।