नई दिल्ली। वनतारा प्रकरण में हो रहे पर्यावरण, वन्यजीव और वित्तीय नियमों के कथित उल्लंघनों को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है। इस एसआईटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर करेंगे। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित कई याचिकाओं और शिकायतों के जवाब में लिया गया है, जिनमें 'वनतारा' परियोजना से जुड़े विभिन्न कानूनी और नैतिक मुद्दों को उठाया गया।

SIT टीम में जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान (उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश), मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले (आईपीएस) और सीमा शुल्क विभाग के अतिरिक्त आयुक्त आरआरएस अनीश गुप्ता को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। एसआईटी अब 'वनतारा' से जुड़े सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच करेगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी तरह के पर्यावरणीय या वित्तीय नियमों का उल्लंघन न हो और जिम्मेदार पक्षों को जवाबदेह ठहराया जा सके।

वहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से SIT गठन के बाद 'वनतारा' ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत करते हैं। वनतारा पारदर्शिता, करुणा और कानून के पूर्ण अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मिशन और ध्यान पशुओं के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित रहेगा। हम विशेष जांच दल को जांच के दौरान पूरा सहयोग प्रदान करेंगे और अपने सभी प्रयासों के केंद्र में पशुओं के कल्याण को रखते हुए, ईमानदारी से अपना काम जारी रखेंगे। हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को बिना किसी अटकलबाजी के और हमारे द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले पशुओं के सर्वोत्तम हित में होने दिया जाए।'