नई दिल्ली। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने इस गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कोर्ट में ये याचिका दाखिल की है। इस याचिका में केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है। ये याचिका गुरुवार की शाम दाखिल की गई है।

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने अपनी याचिका में अपने पति की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया है। उन्होंने कहा है कि एक हफ्ते बाद भी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं मिल पाया है। ना ही हमें सोनम की कोई जानकारी मिल रही है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि इसलिए हैबियस कॉरपस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दाखिला कर तत्काल रिहाई की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से अपनी याचिका पर सोमवार को जल्द सुनवाई की मांग करने की बात कही है।

सोनम वांगचुक की पत्नी ने सोनम पर हिंसा भड़काने के लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। गीतांजलि ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि सोनम ने हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए अपना उपवास समाप्त कर दिया और झड़पों की निंदा की। यहां तक कि शोक संतप्त परिवारों ने भी कहा कि यह वांगचुक की गलती नहीं थी। आगे की कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा कि हम न्याय पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगे। हम सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को जानने के लिए नज़रबंदी के आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं। अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।

बता दें कि लेह में गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिन बाद ही पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक को जोधपुर की जेल में शिफ्ट किया गया था। जहां उन्हें कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल में रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, वांगचुक को विशेष निगरानी में लाया गया। जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं।