नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में दिया वो भाषण उनका पीछा नहीं छोड़ रहा, जिसमें उन्होंने आंदोलन करने वालों को आंदोलनजीवी-परजीवी बताते हुए देश के लोगों को उनसे बचने की हिदायत दी है। किसान नेताओं, पत्रकारों और एक्टिविस्टों से लेकर विपक्ष के नेता तक मोदी के इस बयान से भड़के हुए हैं। कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री के इस बयान पर करारा पलटवार किया है। 



कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना ही उनके बयान पर करारा तंज़ किया है। उन्होंने कहा है कि जो देश को बेच डाले वो क्रोनी-जीवी है। राहुल ने मोदी के आंदोलनजीवी-परजीवी वाले बयान से तुक मिलाते हुए ट्वीट किया, 'Crony-जीवी है जो, देश बेच रहा है वो।' 





मोदी जी आप क्या हैं : दिग्विजय सिंह 

राहुल गांधी के साथ साथ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है, 'मोदी जी आप क्या हैं? परजीवी भाषणजीवी आंदोलनजीवी स्वजीवी?या जैसा समय वैसा भेस?' अपने इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें मोदी के आंदोलनजीवी-परजीवी वाले भाषण के ऑडियो पर बीजेपी नेताओं के आंदोलन की तस्वीरें लगाकर उनके विरोधाभास को उजागर किया गया है। 





दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे लिखा है, 'जब भगत सिंह जैसे युवा फांसी चढ़ रहे थे,तब RSS के गुरु गोलवलकर ने भी अपने स्वयंसेवकों से कहा था, आंदोलनजीवी 'पागलों' की टोली से दूर रहें। आंदोलनजीवियों ने फिर भी देश आज़ाद करा लिया। दिग्विजय सिंह ने बताया है कि यह कथन संतोष सोनी का है, जिसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने की उन्होंने अपील भी की है।  





कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया है। सुरजेवाला ने एक कार्टून साझा किया है, जिसमें लिखा हुआ है, 'अबकी बार.. मजदूर मीलों के और किसान कीलों के, रास्ते नहीं भूल पाएंगे, सरकार।' 





दरअसल यह सारा बवाल प्रधानमंत्री के उस विवादित भाषण से शुरू हुआ जब संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद भाषण के दौरान प्रधानमंत्री किसान आंदोलन पर कटाक्ष लेते हुए यह कह दिया कि आजकल देश में आंदोलनजीवियों की नई जमात पैदा हो गई है, जो हर आंदोलन में शामिल हो जाती है। मोदी ने कहा कि ऐसे लोग आंदोलनजीवी हैं और आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में मोदी की आलोचना शुरू हो गई। लोग कहने लगे कि जिस देश को आज़ादी ही आंदोलन के कारण मिली हो, उसके प्रधानंमत्री लोकतंत्र के मंदिर में खड़े होकर आंदोलनकारियों को परजीवी बता रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत भी प्रधानमंत्री मोदी के बयान की आलोचना करते हुए सवाल कर चुके हैं कि क्या देश को आज़ादी दिलाने वाले भगत सिंह और महात्मा गांधी भी परजीवी थे?